गाजीपुर
अस्पताल फायरिंग का पर्दाफाश: प्रेम-प्रसंग बना हमले की वजह, छह आरोपी गिरफ्तार

गाजीपुर। नंदगंज बाजार स्थित नंदिनी अस्पताल में हाल ही में हुई फायरिंग की घटना का पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। जांच में सामने आया है कि इस पूरी घटना के पीछे प्रेम-प्रसंग का मामला जुड़ा हुआ था। पुलिस ने एक नाबालिग समेत कुल छह आरोपियों को गिरफ्तार कर विभिन्न धाराओं में जेल भेज दिया है।
घटना की विवेचना कर रहे उपनिरीक्षक लालता प्रसाद यादव ने बताया कि मुख्य आरोपी अमन यादव का प्रेम-प्रसंग अस्पताल संचालक परिवार की एक लड़की से काफी समय से चल रहा था। तीन मई को दोनों चोरी-छिपे कोर्ट मैरिज के लिए प्रयागराज गये थे, लेकिन आवश्यक दस्तावेजों की कमी के कारण विवाह नहीं हो सका। अगले दिन लड़की परिजनों के दबाव में कोर्ट नहीं पहुंची, जिससे नाराज होकर अमन यादव ने अपने साथियों के साथ मिलकर 4 मई की रात करीब 7:45 बजे अस्पताल के चेंबर और दीवार पर तीन राउंड फायरिंग की।
इस घटना के संबंध में अस्पताल की रीतू पाठक द्वारा 5 मई को थाने में अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया। शुरुआत में किसी रंजिश या विवाद की बात सामने नहीं आयी। लेकिन 9 मई को डॉक्टर संतोष पाठक के नाम दस लाख की फिरौती की मांग वाला धमकी भरा पत्र अस्पताल के एक मेडिकल संचालक के माध्यम से भेजा गया। इसके बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज कर दी।
पुलिस द्वारा मोबाइल कॉल डिटेल खंगालने पर लड़की और अमन यादव के बीच लगातार बातचीत की पुष्टि हुई। पूछताछ में प्रेम-प्रसंग की बात सामने आते ही पुलिस ने अमन यादव को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की, जिसमें उसने अपने सभी साथियों के नाम और ठिकाने उजागर कर दिये।
गिरफ्तार आरोपियों में नंदगंज बाजार का एक नाबालिग भी शामिल है, जो पूर्व में सत्यम सिंह हत्याकांड में भी सहयोगी बताया जा रहा है। पुलिस ने सभी आरोपियों को नंदगंज रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया। इस दौरान अमन यादव द्वारा पुलिस पर फायरिंग की गई, जिसके जवाब में पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलायी। इस मुठभेड़ में अमन यादव के बाएं पैर में गोली लगने से वह घायल हो गया।
गिरफ्तार आरोपियों में अमन यादव (बेलसड़ी, थाना करंडा), शिवम उर्फ शालू यादव (डीहिया, थाना नंदगंज), शेरु उर्फ अमरजीत पासी (डीहिया), विशाल (सराय मनिकराज, थाना शादियाबाद) और नंदगंज बाजार का एक नाबालिग शामिल हैं। पुलिस ने पांच आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया, जबकि नाबालिग को किशोर न्याय बोर्ड में प्रस्तुत कर बाल सुधार गृह भेजा गया। पुलिस के अनुसार सभी आरोपी दबंग प्रवृत्ति के हैं और आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं। मामले की जांच जारी है।