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वाराणसी

वाराणसी : 129 वर्ष की आयु में ब्रह्मलीन हुए योग गुरु पद्मश्री बाबा शिवानंद

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वाराणसी। योग और संयमित जीवनशैली के प्रतीक, पद्मश्री से सम्मानित 129 वर्षीय योग गुरु बाबा शिवानंद का शनिवार को निधन हो गया। बाबा शिवानंद ने भेलूपुर थाना क्षेत्र के दुर्गाकुंड स्थित कबीरनगर में अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से शोक की लहर दौड़ गई। बाबा का पार्थिव शरीर उनके निवास, जिसे ‘शिवानंद आश्रम’ के नाम से जाना जाता है, उसमें अंतिम दर्शन हेतु रखा गया है।

बाबा शिवानंद वर्षों से अपने शिष्यों के साथ एक टू बीएचके फ्लैट में रह रहे थे, जिसे समय के साथ आश्रम का स्वरूप दे दिया गया था। उनके ब्रह्मलीन होने की खबर मिलते ही उनके अनुयायियों, स्थानीय नागरिकों और गणमान्य व्यक्तियों का आश्रम पर तांता लग गया।

योग में अनुशासन के प्रतीक थे शिवानंद
बाबा शिवानंद को वर्ष 2022 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया था। पुरस्कार ग्रहण करने के उपरांत बाबा ने कहा था, “योग जीवन का आधार है। यह सम्मान लोगों को स्वस्थ जीवन जीने की प्रेरणा देगा।”

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अपने नियमित योग अभ्यास की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया था कि पहले वे तीन घंटे तक योग करते थे, जो उम्र बढ़ने के साथ घटकर आधे घंटे तक रह गया। फिर भी उन्होंने स्वस्थ जीवनशैली के लिए योग, छह घंटे की नींद और संतुलित भोजन को आवश्यक बताया था।

इच्छाओं पर नियंत्रण को मानते थे जीवन का मूलमंत्र
बाबा का मानना था कि योग से ध्यान केंद्रित होता है और व्यक्ति अपने कार्य में श्रेष्ठता पा सकता है। वे बार-बार कहते थे कि मनुष्य की अनियंत्रित इच्छाएं ही दुख का कारण हैं।

बाबा शिवानंद का निधन केवल एक संत का जाना नहीं है, यह एक युग का अंत है। उनके विचार, जीवनशैली और साधना आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत बने रहेंगे।

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