मिर्ज़ापुर
“महिलाओं, दिव्यांगों और शहीद परिवारों को मिलेगी रजिस्ट्री में छूट” : रविंद्र जायसवाल

मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्टाम्प, न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन विभाग रवीन्द्र जायसवाल ने सोमवार को विन्ध्याचल में मां विन्ध्यवासिनी देवी का दर्शन-पूजन करने के बाद प्रेस वार्ता में प्रदेश की रजिस्ट्री व्यवस्था से जुड़ी कई अहम घोषणाएं कीं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि अब किसी भी व्यक्ति द्वारा संपत्ति/भूमि की रजिस्ट्री कराने पर रजिस्ट्री अभिलेख तत्काल उपलब्ध कराया जाएगा। यदि इस व्यवस्था में कोई हीलाहवाली या लापरवाही पाई गई तो संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
स्टाम्प पेपर की कालाबाज़ारी पर भी मंत्री ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि अधिक दाम पर स्टाम्प बेचने वाले वेंडरों को चिन्हित कर ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। इसके लिए आमजन से अपील की गई है कि ऐसी किसी भी गतिविधि की सूचना तुरंत रजिस्ट्रार को दें।

रजिस्ट्री राजस्व में अभूतपूर्व वृद्धि को लेकर मंत्री ने कहा कि 2017 में जहां यह राजस्व 11 हजार करोड़ था, वहीं 2024-25 में यह आंकड़ा 29,900 करोड़ तक पहुंच गया है। इसी तरह मीरजापुर जिले में 2016-17 में जहां राजस्व 5592 करोड़ था, अब यह बढ़कर 17,823 करोड़ हो चुका है। यह वृद्धि बिना सर्किल रेट बढ़ाए हासिल की गई है, जो सरकार की कानून व्यवस्था और पारदर्शिता का परिणाम है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय अब 1.24 लाख रुपए तक पहुंच चुकी है, जो पहले मात्र 45 हजार रुपए थी। इसका सीधा प्रभाव रियल एस्टेट बाजार पर पड़ा है और लोगों के अपने घर खरीदने के सपने साकार हो रहे हैं।
महिलाओं को रजिस्ट्री में दी जा रही छूट को बढ़ाकर 10 लाख से 1 करोड़ तक किया जा रहा है। इसके अलावा दिव्यांगजनों और आर्मी शहीदों के परिजनों को भी रजिस्ट्री में छूट दी जाएगी।
प्रदेश में 40 नए रजिस्ट्री कार्यालय स्थापित किए जा रहे हैं। आईजी स्टाम्प मीरजापुर को निर्देशित किया गया है कि वे जिलाधिकारी से समन्वय कर भूमि चिन्हित कर प्रस्ताव प्रस्तुत करें।
रजिस्ट्री कार्यालयों में नागरिकों के लिए बैठने, पेयजल, शौचालय आदि की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया गया है। बुजुर्ग और दिव्यांग व्यक्तियों को विशेष सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
राज्य सरकार ने पारिवारिक संपत्ति हस्तांतरण पर भी बड़ी राहत दी है। अब यदि परिवार के भीतर संपत्ति लिखी जाती है तो सर्किल रेट हटा कर मात्र 5,000 का शुल्क लिया जाएगा। इससे सरकार को लगभग 3,000 करोड़ का नुकसान तो हुआ है, लेकिन यह निर्णय सामाजिक सद्भाव और जनता के हित को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।