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चन्दौली

हंगामे की भेंट चढ़ी ‘दिशा’ बैठक, सपा-भाजपा जनप्रतिनिधियों में तीखी नोकझोंक

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चंदौली (जयदेश)। कलेक्ट्रेट सभागार में शनिवार को सांसद वीरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में आयोजित ‘दिशा’ बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई। सपा और भाजपा के जनप्रतिनिधियों के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिसमें आरोप-प्रत्यारोप के साथ अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया गया। इस विवाद के चलते भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को राहत मिल गई, जबकि बैठक अपने उद्देश्य से भटक गई।

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बैठक सुबह 11 बजे शुरू हुई, लेकिन सपा के एक जनप्रतिनिधि ने भाजपा प्रतिनिधि पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए डीएम से जांच की मांग कर दी। इस पर भाजपा जनप्रतिनिधियों ने कड़ा विरोध जताया, जिससे दोनों पक्षों में बहस शुरू हो गई और मामला गरमाने लगा। पीडीडीयू नगर में सड़क चौड़ीकरण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सपा विधायक ने भाजपा पर निशाना साधा, जिसे भाजपा विधायक ने सिरे से खारिज कर दिया और सपा को जनता को गुमराह करने वाला बताया।

विवाद इतना बढ़ गया कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के जनप्रतिनिधियों ने सदन में ही अमर्यादित भाषा का प्रयोग शुरू कर दिया। इस हंगामे के बीच भाजपा के जनप्रतिनिधियों ने बैठक का बहिष्कार कर बाहर निकलने का फैसला लिया, जिसके बाद डीएम ने औपचारिकता पूरी कर बैठक के समापन की घोषणा कर दी।

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बैठक के हंगामे के बाद पीडीडीयू नगर विधायक रमेश जायसवाल ने कहा कि “सपा आज भी जातिगत राजनीति में उलझी हुई है और उन्हें विकास कार्यों से कोई मतलब नहीं। प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बिना भेदभाव के विकास कार्य कर रही है, लेकिन सपा के नेता बेवजह मुद्दे उठाकर राजनीति कर रहे हैं।” इस पूरी घटना के बाद जिले में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है और चर्चाओं का बाजार गर्म है।

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