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ईडी की छापेमारी में 6000 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले में बड़ा खुलासा

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कोलकाता। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 6000 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले के सिलसिले में गुरुवार को कोलकाता और हावड़ा में तीन अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई एक व्यवसायी के आवास और कार्यालयों पर की गई। ईडी के अनुसार, जांच में कई शेल कंपनियों और एजेंसियों का पता चला है, जो इस घोटाले में शामिल थीं।

ईडी अधिकारी ने बताया कि, “जांच के दौरान यह सामने आया कि कई शेल कंपनियां और एजेंसियां इस अपराध में संलिप्त थीं। इनमें से एक एजेंसी के निदेशक के ठिकानों पर छापेमारी जारी है। इस कार्रवाई का उद्देश्य घोटाले से जुड़े धन के हेरफेर के तरीकों और अन्य संदिग्ध कड़ियों का पता लगाना है।”

पिछले मामले का संदर्भ

दिसंबर 2024 में, ईडी ने इस घोटाले के सिलसिले में कॉनकास्ट स्टील एंड पावर के प्रमोटर संजय सुरेका को गिरफ्तार किया था।

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जब्ती: 4.5 करोड़ रुपये के आभूषण और कई विदेशी लग्जरी कारें।

यह मामला 2022 में दर्ज किया गया था, जब झारखंड के एक राष्ट्रीयकृत बैंक को धोखा देने का आरोप सामने आया था।

क्या है घोटाले का मामला?

यह घोटाला देश के बैंकों को धोखा देकर करोड़ों रुपये की हेराफेरी से जुड़ा है। ईडी की कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य यह समझना है कि किस तरह से शेल कंपनियों का उपयोग धन को गबन करने और अन्य एजेंसियों तक पहुंचाने के लिए किया गया। ईडी ने कहा है कि इस मामले में अन्य संदिग्धों और एजेंसियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है। घोटाले के तार और गहराई तक जुड़े हो सकते हैं, जिनकी तहकीकात जारी है।

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