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मऊ

संरक्षित स्मारक बना नंद बाबा का टीला, पर्यटन विकास को मिलेगी गति

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दोहरीघाट (मऊ)। गोठा गांव स्थित ऐतिहासिक नंद बाबा का टीला अब आधिकारिक रूप से संरक्षित स्मारक घोषित हो चुका है। उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व विभाग ने इस संबंध में प्रथम अधिसूचना जारी कर दी है, जिससे स्थानीय लोगों में हर्ष का माहौल है।

लंबे समय से उपेक्षित इस स्थल को अब ऐतिहासिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने की उम्मीद जगी है।रसड़ा निवासी सौरभ सिंह के निरंतर प्रयासों के फलस्वरूप यह निर्णय संभव हो पाया। जुलाई 2023 में उनके अनुरोध पर पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने स्थलों का निरीक्षण किया था। इसके बाद विभाग ने उपजिलाधिकारी, घोसी को पत्र भेजकर आवश्यक अभिलेखों की मांग की थी।

प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद आखिरकार यह ऐतिहासिक स्थल संरक्षित स्मारक घोषित हो गया।गोठा निवासी ग्रामीण विकास केंद्र के अध्यक्ष झारखंडेय राय ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता जताते हुए सरकार और विभाग के प्रति आभार व्यक्त किया है।इस उपलब्धि के उपलक्ष्य में सौरभ सिंह को स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया।

इस सम्मान को समाज में जन-सहभागिता और जागरूकता की प्रेरणा के रूप में देखा जा रहा है।स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान को नया जीवन मिलेगा और साथ ही स्थानीय स्तर पर पर्यटन व रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।गोठा के उत्तर में स्थित भीठा पर बने मंदिर को स्थानीय लोग नंद बाबा का मंदिर मानते हैं।

यहां स्थापित बुद्ध की मूर्ति लगभग दो हजार वर्ष पुरानी बताई जाती है।पाली भाषा के बौद्ध ग्रंथ ‘मज्जिम निकाय’ में वर्णित ‘गोसिंग साल वनदाय’ का उल्लेख भी इसी क्षेत्र से जुड़ा माना जा रहा है, जहां बुद्ध ने अपने शिष्यों के साथ विहार और उपदेश दिया था।स्थानीय लोगों का मानना है कि अब इस ऐतिहासिक धरोहर का सौंदर्यीकरण होगा और साथ ही पर्यटन के बढ़ने से रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

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