अपराध
बारात में हुए विवाद से उपजा संघर्ष, विद्यापीठ के छात्र नेताओं को अग्रिम जमानत
वाराणसी। बारात में नाचने के दौरान हुए विवाद की रंजिश में युवक पर प्राणघातक हमला करने के मामले में आरोपित विद्यापीठ के छात्र नेताओं को अदालत से राहत मिल गई। जिला जज संजीव पाण्डेय की अदालत ने लल्लापुरा निवासी गौरव चौरसिया उर्फ अभिषेक, चंदुआ छित्तूपुर निवासी मानस कुमार सिंह और दशाश्वमेध निवासी संजीत कंसारा को अग्रिम जमानत प्रदान करते हुए आदेश दिया कि पुलिस द्वारा गिरफ्तारी की दशा में 50-50 हजार रुपये की दो जमानतें और बंधपत्र देने पर उन्हें रिहा किया जाए। बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, रवि तिवारी और रोहित यादव ने अदालत में पक्ष रखा।
घटना को लेकर वादी प्रदीप चौरसिया ने भेलूपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। अभियोजन पक्ष के अनुसार, 07 फरवरी 2025 की रात लगभग 11 बजे प्रदीप अपने पड़ोसी शिवम की बारात में पॉपुलर हॉस्पिटल के पास गए थे। बारात में नाचने के दौरान उनके बेटे कौशिक की गौरव चौरसिया से कहासुनी हो गई, हालांकि वहां मौजूद लोगों ने बीच-बचाव कर मामला शांत करा दिया। कुछ देर बाद गौरव अपने दोस्तों टुनटुन यादव, मानस सिंह, संजीत कंसारा और 20-25 अज्ञात साथियों के साथ लाठी, डंडे और रॉड से लैस होकर लौटा और वादी प्रदीप चौरसिया, उनके बेटे कौशिक, भतीजे अजय, स्टाफ मुकेश चौरसिया और अनिकेत श्रीवास्तव पर जानलेवा हमला कर दिया।
हमले में वादी को सिर और पैर में गंभीर चोटें आईं, जबकि उनके बेटे कौशिक के सिर और आंख पर गहरी चोट लगी। अजय के नाक और मुंह में, मुकेश के सिर और हाथ में तथा अनिकेत के शरीर के कई हिस्सों पर गंभीर चोटें आईं। कौशिक गंभीर रूप से घायल होकर बेहोश हो गया। इस दौरान टुनटुन यादव ने वादी के गले से और गौरव चौरसिया ने उनके बेटे कौशिक के गले से सोने की चेन भी छीन ली।
शोर सुनकर स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे तो आरोपी जान से मारने की धमकी देते हुए फरार हो गए। स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को लहूलुहान हालत में स्वामी विवेकानंद अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज कराया गया।