वाराणसी
वन्यजीवों की गणना 26 से शुरू, भालू से लेकर गैण्डा तक होंगे चिह्नित

वाराणसी। भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार वाराणसी मंडल में 26 मई से 14 जून 2025 के बीच महत्वपूर्ण वन्यजीवों की गणना कराई जाएगी। यह गणना राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव विहारों के साथ-साथ इनके बाहर के वन क्षेत्रों और वनों के बाहर के चिन्हित क्षेत्रों में भी की जाएगी।
गणना अभियान में बारासिंघा, काला हिरन, चिंकारा, गैण्डा जैसे वनस्पति आहारी वन्यजीवों के साथ-साथ भालू की भी विशेष गणना कराई जाएगी। इस महत्त्वपूर्ण अभियान में जुलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, बॉटेनिकल सर्वे ऑफ इंडिया, गैर-सरकारी संगठन, अवैतनिक वन्य जीव प्रतिपालक, कॉलेज व विश्वविद्यालयों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी, जिससे गणना अधिक सटीक व पारदर्शी हो।
गणना अभियान का संगठनात्मक ढांचा इस प्रकार रहेगा:
प्रमुख ऑर्गेनाइज़र के रूप में मुख्य वन्य प्रतिपालक, उत्तर प्रदेश, लखनऊ संपूर्ण अभियान का नेतृत्व करेंगे।
मुख्य ऑर्गेनाइज़र के रूप में वन संरक्षक, वाराणसी वृत्त होंगे, जो अपने क्षेत्र में सभी गतिविधियों की जिम्मेदारी संभालेंगे।
ऑर्गेनाइज़र के रूप में प्रभागीय वनाधिकारी – वाराणसी, गाजीपुर और चंदौली अपने-अपने क्षेत्रों में प्रभारी रहेंगे। वे गणना इकाइयों का गठन कर ड्यूटी सूची, आवश्यक सामग्री और प्रपत्रों का वितरण सुनिश्चित करेंगे।
गणना के दौरान प्रत्येक क्षेत्र को छोटी-छोटी इकाइयों में बांटा जाएगा, ताकि एक ही दिन में सुबह 5 बजे से शाम तक गणना पूरी की जा सके। प्रत्येक गणना इकाई में दो प्रशिक्षित प्रगणक लगाए जाएंगे। “वन्यजीव गणना प्रपत्र 2025” के अनुसार प्रत्येक प्रजाति के आंकड़े संकलित किए जाएंगे।
गणना तीन चरणों में सम्पन्न की जाएगी:
प्रथम चरण: 26 मई 2025
द्वितीय चरण: 2 जून 2025
तृतीय चरण: 9 जून 2025
वन अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे सभी प्रगणकों को समुचित प्रशिक्षण दें और गणना सामग्री समय पर उपलब्ध कराएं। संकलित आंकड़ों की सत्यापित रिपोर्ट समयबद्ध रूप से वन संरक्षक को भेजी जाएगी।
अभियान का उद्देश्य वन्यजीवों की संख्या का वास्तविक, वैज्ञानिक और पारदर्शी मूल्यांकन करना है, जिससे संरक्षण योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।