वाराणसी
*बड़ी पहल: BHU का आई बैंक करेगा लोगों की जिंदगी रोशन*
रिपोर्ट प्रदीप कुमार
वाराणसी।चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बनारस हिंदूविश्वविद्यालय, स्थित क्षेत्रीय नेत्र संस्थान में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने की शृंखला में “बीएचयू EYE Bank की शुरुआत हो गई है। विश्वविद्यालय के रेक्टर प्रो. वी के शुक्ला ने बीएचयू नेत्र बैंक का उद्घाटन किया। बता दें कि आईएमएस बीएचयू में नेत्र बैंक पहले भी था। लेकिन उसमें अत्याधुनिक नवीन तकनीक उपलब्ध नहीं थी। सबसे बड़ी चुनौती प्रत्यारोपित कॉर्निया की गुणवत्ता मापने की तकनीक का अभाव था। इसके चलते अकसर ये मान लिया जाता था कि जो कॉर्निया प्रत्यारोपित की गई है उससे आंखों की ज्योति बढ़ेगी ही। साथ ही ये भी ज्ञात नहीं हो पाता रहा कि किस कॉर्निया को नेत्र ज्योति के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है और किसे आंख की दीवार की मजबूती के लिए। अब इस तरह की दिक्कतें नहीं होंगी।
बनारस और आसपास के करीब दो हजार लोगों को है रोशनी का इंतजार
बता दें कि बनारस में बीएचयू के अलावा लायंस आई बैंक, वाराणसी आई बैंक और चंद्रा आई बैंक हैं। इसमें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में पिछले तीन महीने में 30 लोगों ने कार्निया के लिए पंजीकरण कराया है। उधर निजी आईबैंक में वाराणसी और आसपास के करीब दो हजार लोग अभी इस इंतजार में हैं कि उनकी ज्योति भी लौटेगी और वो भी अपनी आंखों से दुनिया देख सकेंगे।
बीएचयू के आई बैंक में 18 दिन तक सुरक्षित रहेगी कार्निया
आईएमएस बीएचयू के क्षेत्रीय नेत्र संस्थान के नए आई बैंक में 18 दिनों तक कार्निया सुरक्षित रहेगी। ऐसे में विश्वविद्यालय का ये नेत्र संस्थान अब तेजी से दृष्टिबाधित लोगों के जीवन में खुशियां बिखेर सकेगा। इसकी शुरूआत हो चुकी है। पहले ही दिन तीन लोगों की नेत्र ज्योति लौटाई गई। दरअसल उद्घाटन के दिन ही तीन कार्निया दान में मिली जिससे फौरन प्रतीक्षारत तीन लोगो का जीवन रोशन किया गया।
आईबैंक में ये सुविधाएं उपलबध
बीएचयू के नेत्र संस्थान में खुले आई बैंक में रेफ्रीजरेटर, स्पेकुलर, स्लिट लैब, लेमिनार फ्लोहुड जैसे उपकरण उपलब्ध करा दिए गए हैं।
पूर्वांचल के लोगों के लिए ये पहला सरकारी नेत्र आई बैंक
हैदराबाद के एलवी प्रसाद नेत्र संस्थान के सहयोग से आईएमएस बीएचयू में खुला ये नेत्र संस्थान पूर्वांचल के लिए पहला सरकारी नेत्र संस्थान हो गया है जहां किफायती दर पर लोगों को नेत्र ज्योति प्राप्त हो सकेगी। उद्घाटन के दौरान ये बताया गया कि आम तौर पर कार्निया ट्रांसप्लांट में 50-60 हजार रुपये लगते हैं। लेकिन इस नेत्र संस्थान में महज 2-3 हजार रुपये में ही रोशनी लौटेगी। नेत्र बैंक के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए रेक्टर प्रो. वी के शुक्ला ने कहा कि समाज में नेत्रदान के संबंध में अनेक भ्रांतियां फैली हुई हैं, जिन्हे दूर करने की अत्याधिक आवश्यकता है। कई बार कॉर्निया की उपलब्धता के बावजूद तकनीक की कमी और कभी तकनीक की उपलब्धता के बावजूद कॉर्निया की कमी के चलते कार्निया ट्रांसप्लांट में बाधा उत्पन्न होती है। तकनीक की चुनौती का समाधान बीएचयू नेत्र बैंक है, लेकिन दूसरी चुनौती के लिए लोगों में जागरूकता का व्यापक प्रसार अत्यंत जरूरी है।
एलवी प्रसाद नेत्र संस्थान हर संभव मदद को तैयार
इस मौके पर एलवी प्रसाद नेत्र संस्थान, हैदराबाद, के कार्यकारी अध्यक्ष, डॉ. प्रशांत गर्ग ने कहा कि चिकित्सकों व कर्मचारियों का प्रशिक्षित होना किसी भी नेत्र बैंक की सफलता केलिए सबसे महत्वपूर्ण हैं। एलवी प्रसाद नेत्र संस्थान इसके लिए सहर्ष तैयार है।
बड़ा परिवर्तन ला सकता है नेत्र बैंक
चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. एसके सिंह ने कहा कि ये क्षेत्रीय नेत्र संस्थान तथा यहां का नेत्र बैंक बहुत राष्ट्रहित में बड़ी भूमिका निभा सकता है। राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण प्रोग्राम के उप निदेशक वाईके पाठक ने कहा कि बीएचयू का चिकित्सा विज्ञान संस्थान स्वास्थ्य सेवाओं का एक बड़ा केंद्र है। ऐसे में बीएचयू नेत्र बैंक एक बड़ा परिवर्तन ला सकता है। क्षेत्रीय नेत्र संस्थान, प्रमुख प्रो एमके सिंह ने कहा कि यदि नेत्रदान की प्रक्रिया को सर्जन सफलता के साथ पूर्ण करता है तो इसके परिणाम रोगी की जीवन शैली में अभूतपूर्व परिवर्तन ले आता है। उन्होंने नेत्र बैंक की स्थापना व आधुनिकीकरण में भूमिका निभाने वाले सभी सदस्यों को बधाई दी।
ऐेसे शुरू हुआ आई बैंक
क्षेत्रीय नेत्र संस्थान के प्रमुख प्रो. एमके सिंह, प्रो. वीपी सिंह और प्रो. ओपीएस मौर्या के संगठित प्रयासों तथा विभागध्यक्ष प्रो प्रशांत भूषण और डॉ. दीपक मिश्रा के प्रयास से हंस फाउंडेशन और एलवी. प्रसाद नेत्र संस्थान के साथ हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के अंतर्गत “BHU EYE BANK” स्थापित किया गया।