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वाराणसी

आयुष्मान भारत योजना : एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय में पहला डायलिसिस

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*जयंत कुमार पाठक के लिए आयुष्मान भारत योजना बनी संजीवनी*

*बहुत दिनों से थे परेशान, अब निःशुल्क हो रहा डायलिसिस उपचार*

*गरीबों के लिए वरदान साबित हो रही आयुष्मान भारत योजना*

रिपोर्ट – मनोकामना सिंह

वाराणसी। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना न होती तो शायद कमजोर वर्ग से ताल्लुक रखने वाले जयंत पाठक बीमारी की दुश्वारीझेलने को मजबूर होते | उनकी बीमारी का सबसे बड़ा इलाज सिर्फ डायलिसिस है, जिस पर एक बार में हजारों रुपये खर्च होते हैं किन्तु योजना के तहत उन्हें यह सुविधा बिल्कुल मुफ्त मिल रही है | इससे जहाँ वह इलाज के लिए कर्ज लेने से बच गए वहीँ परिवार वालों की भीएक बड़ी समस्या का बैठे-बैठाए हल मिल गया |
   रामापुर, लक्सा निवासी जयंत कुमार पाठक (53) बेहद गरीब परिवार से हैं। वह बताते हैं कि शुगर, ब्लडप्रेशर व अन्य बीमारियों की वजह से किडनी (गुर्दा) पूरी तरह फेल हो चुकी है। अब डायलिसिस ही उनका एक मात्र सहारा बचा है। निजी चिकित्सालयों में अधिक पैसे खर्च होने की वजह से वह बहुत दिनों से परेशान थे, लेकिन जब उन्हें पता चला कि उनके पास जो आयुष्मान कार्ड है, उसकी मदद से डायलिसिस मुफ्त हो सकती है | इसके बाद उन्होने व परिजनों ने पूरी प्रक्रिया पता की। बुधवार को एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय में स्थित  डायलिसिस यूनिट में जयंत भर्ती हुये। अब आयुष्मान भारत योजना के जरिये उन्हें गुरुवार से निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा मिल रही है। वह सरकार की इस योजना से बहुत ही संतुष्ट हैं और इसके लिए उन्होने प्रधानमंत्री सहित डायलिसिस यूनिट के समस्त स्टाफ और आयुष्मान मित्र रजत सिंह एवं रत्नप्रिया केशरी को हृदय से धन्यवाद दिया। 
  *डायलिसिस यूनिट के प्रभारी डॉ आर एन सिंह* ने बताया कि किडनी के पूरी तरह से विफल हो जाने पर शरीर के सभी कामकाज बंद हो जाते हैं। किडनी फेल होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे किसी बीमारी की वजह से यूरिन का कम हो जाना, हृदयाघात, दिल की बीमारी, लिवर का फेल हो जाना, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, क्रोनिक डिजीज, प्रदूषण, अत्यधिक दवाएं, एलर्जी व गंभीर इन्फेक्शन आदि। इसके लक्षण यूरिन उत्पादन में कमी आना, टखने, पैरों में सूजन, सांस लेने में दिक्कत, अत्यधिक थकान व कमजोरी आदि। डॉ सिंह ने बताया कि किडनी पूरी तरह से फेल होने पर डायलिसिस ही एक ऐसा उपचार है जो व्यक्ति के शरीर को उच्च रक्तचाप को नियंत्रित रखने, विषाक्त पदार्थों, अपशिष्टवअतिरिक्त पानी को निकालने और अन्य रसायनों के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। डायलिसिस एक अस्थायी उपचार है। किडनी की बीमारी को पूरी तरह से ठीक करने के लिए मरीज को जीवनभर के लिए डायलिसिस उपचार से गुजरना पड़ता है या फिर किडनी ट्रांसप्लांट से इसको ठीक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि डायलिसिस यूनिट के स्टाफ अरुण सिंह एवं राजेश कुमार मरीजों के उपचार में पूरा सहयोग कर रहे हैं।
  *एसएसपीजी के एसआईसी डॉ प्रसन्न कुमार* इस बात से बेहद खुश हैं कि आयुष्मान भारत योजना के तहत चिकित्सालय में स्थित डायलिसिस यूनिट में पहला मरीज भर्ती हुआ है। वह बताते हैं कि निजी चिकित्सालयों में एक बार डायलिसिस कराने के 2500 से 3000 रुपये लगते हैं। एक बार के लिए मरीज को 4 से 5 घंटे और हफ्ते में तीन बार डायलिसिस उपचार किया जाता है। लेकिन केंद्र सरकार की योजना आयुष्मान भारत के तहत इसका निःशुल्क लाभ प्रदान किया जा रहा है।
  *मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी* ने कहा कि गरीबों को निःशुल्क इलाज का लाभ दिलाने के लिए आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना वरदान साबित हो रही है। कुछ दिवस पूर्व जिले में एक लाखवें मरीज को आयुष्मान कार्ड के जरिये निःशुल्क इलाज किया गया। पिछले चार साल में जिले में 1,00,767 लाभार्थियों का निःशुल्क इलाज मिल चुका है। आयुष्मान भारत योजना के तहत किडनी,कैंसर, हृदय रोग, हड्डी रोग, सभी प्रकार की सर्जरी, न्यूरो सहित लगभग 1670 बीमारियों का निःशुल्क इलाज किया जा रहा है। डायलिसिस उपचार की सुविधा एसएसपीजी के अतिरिक्त डीडीयू चिकित्सालय और बीएचयू में मौजूद है।
  *जिला सूचना प्रणाली प्रबन्धक (डीआईएसएम) नवेन्द्र सिंह* ने बताया कि जनपद में 4 मई से 18 मई तक आयुष्मान पखवाड़ा मनाया जा रहा है। सामाजिक आर्थिक जनगणना 2011 के अनुसार जिन लाभार्थियों को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना तथा मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान का पत्र मिला है। इसके साथ ही अंत्योदय कार्ड (लाल राशनकार्ड) औरश्रम कार्ड (अक्टूबर 2019 व अक्टूबर 2020 के बीच बना) धारकभी योजना का लाभ उठा सकते हैं। वह पत्र, अंत्योदय या श्रम कार्ड के साथ राशनकार्ड तथा आधार कार्ड लेकर नजदीकी आयुष्मान मित्र या जनसेवा केंद्र में जाकर अपना आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं और प्रति परिवार हर साल अस्पताल में भर्ती होकर निःशुल्क पाँच लाख रुपये तक इलाज का लाभ ले सकते हैं।
इनसेट
जनपद में आयुष्मान भारत योजना एक नजर में –
– 1,14,419 कुल लाभार्थी परिवार
– 3,47,271 कुल आयुष्मान कार्ड बने
– 1,00,767 मुफ्त इलाज मिला (सरकारी – 23,701 एवं निजी – 77,066)
– 188 योजना से सम्बद्ध अस्पताल (23 सरकारी एवं 165 निजी)

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