Connect with us

गाजीपुर

गांवों में राम भरोसे सफाई व्यवस्था, जिम्मेदारों की लापरवाही उजागर

Published

on

देवकली (गाजीपुर)। ग्रामीण क्षेत्रों की सफाई व्यवस्था पूरी तरह राम भरोसे चल रही है। एक ओर सरकार स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण स्वच्छता को लेकर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, तो दूसरी ओर ज़मीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। जयदेश मीडिया टीम द्वारा देवकली, भांवरकोल सहित कई गांवों में किए गए निरीक्षण में एक जैसी तस्वीर सामने आयी – गंदगी, जलजमाव, नालियों में ठहरता पानी और अनुपस्थित सफाईकर्मी।

“भैया, सफाईकर्मी तो महीनों से दिखे ही नहीं”
गांव के लोगों से जब बात की गई तो उनका यही कहना था कि सफाईकर्मी तो कभी-कभार ही आते हैं। “गांव में नालियां जाम हैं, गली-मुहल्ले कूड़े से पटे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती,” — यह कहना है देवकली गांव की बुज़ुर्ग महिला रामप्यारी देवी का।

सफाईकर्मी ‘अटैचमेंट’ में, गांव हुए उपेक्षित
खुलासा हुआ कि कई गांवों में तैनात सफाईकर्मी जिला मुख्यालय में ‘अटैच’ कर दिए गए हैं, जिससे गांवों में सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। यह ‘अटैचमेंट’ भी बिना किसी वैध आदेश के, ब्लॉक स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत से किया गया है।

ग्राम प्रधान, सचिव और एडीओ पंचायत की मिलीभगत से भ्रष्टाचार चरम पर
सूत्रों के अनुसार, कई स्थानों पर सफाईकर्मियों की हाजिरी रजिस्टर पर दर्ज होती है, जबकि वह कभी गांव में दिखाई ही नहीं देते। इसका सीधा लाभ ग्राम प्रधान, सचिव और संबंधित एडीओ पंचायत को होता है। वे सफाईकर्मियों की उपस्थिति दर्शाकर वेतन व अन्य सुविधाएं जारी कराते हैं।

Advertisement

2008 में हुई थी नियुक्तियां, 2025 में बदतर हुए हालात
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती द्वारा ग्रामीण सफाई व्यवस्था को सशक्त करने हेतु सफाईकर्मियों की नियुक्ति की गई थी। उद्देश्य था कि हर गांव में स्वच्छता बनी रहे और बीमारियों से लोगों को बचाया जा सके। लेकिन आज 17 वर्षों बाद, यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है।

जनप्रतिनिधि और अधिकारी बने तमाशबीन
गांवों की इस बदहाल सफाई व्यवस्था पर जनप्रतिनिधि और जिम्मेदार अफसरों का रवैया बेहद लापरवाह है। न ही कोई जांच होती है, न ही जवाबदेही तय की जाती है। हालात यह हैं कि शिकायत के बावजूद कार्यवाही के नाम पर सिर्फ कागजी खानापूर्ति होती है।

स्वच्छ भारत की जमीनी सच्चाई उजागर
स्वच्छ भारत अभियान की सफलता पर सवाल खड़े करती यह स्थिति दर्शाती है कि यदि निचले स्तर पर निगरानी और जवाबदेही तय न की गई तो करोड़ों की योजनाएं केवल दिखावटी बनकर रह जाएंगी।

जनता की मांग – हो उच्चस्तरीय जांच
ग्रामीणों ने शासन से मांग की है कि सफाईकर्मियों की उपस्थिति, कार्यप्रणाली और अधिकारियों की भूमिका की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए तथा दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

Advertisement

Copyright © 2024 Jaidesh News. Created By Hoodaa