मिर्ज़ापुर
रानी चनवा के कोहबर पर चला खनन माफियाओं का बुलडोजर

मड़िहान (मिर्जापुर)। चुनार थाना क्षेत्र के अंतर्गत सक्तेशगढ़ चौकी के ऐतिहासिक स्थल रानी चनवा का कोहबर खनन माफियाओं के अवैध गतिविधियों की चपेट में है। विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से यहां खुलेआम अवैध खनन हो रहा है, जबकि सरकार के सख्त निर्देशों के बावजूद प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।
ऐतिहासिक धरोहर पर संकट
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, रानी चनवा का कोहबर एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल है। ऐसा कहा जाता है कि राजा अपनी शादी के बाद रानी को लेकर इसी रास्ते से गुजरे थे। गोवर्धन और सक्तेशगढ़ के बीच स्थित इस स्थल को मनोरम प्राकृतिक दृश्यों और गुफा में बने कोहबर के कारण जाना जाता है। इसे “चांद पटपर” के नाम से भी जाना जाता है। यहां की गुफाएं और झीलें पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रही हैं।
लेकिन अब, खनन माफियाओं ने इस प्राकृतिक सुंदरता को भी नहीं छोड़ा। बुलडोजर और ब्लास्टिंग के जरिए इन धरोहरों को नष्ट किया जा रहा है। झील, जो इस क्षेत्र की पहचान थी, भी खनन की भेंट चढ़ रही है।
सरकार के आदेशों की अनदेखी
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अवैध खनन पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त फरमान के बावजूद खनन माफिया प्रशासन की नाक के नीचे खुलेआम अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। वन विभाग और स्थानीय पुलिस की निष्क्रियता व मिलीभगत पर सवाल उठ रहे हैं।
ग्रामीणों की मांग
क्षेत्रीय ग्रामीणों ने उच्च अधिकारियों से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि यदि अवैध खनन नहीं रुका, तो एक दिन रानी चनवा के कोहबर जैसे ऐतिहासिक स्थल इतिहास का हिस्सा बनकर रह जाएंगे।
प्राकृतिक धरोहरों का विलुप्त होना
अगर इस तरह ऐतिहासिक और प्राकृतिक धरोहरों पर बुलडोजर चलता रहा, तो उत्तर प्रदेश से प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विरासत का नामोनिशान मिट जाएगा। ग्रामीणों ने अवैध खनन पर तुरंत रोक लगाने और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है। सरकार की छवि और प्रदेश की धरोहर को बचाने के लिए यह जरूरी है कि ऐसे मामलों में त्वरित और सख्त कार्रवाई की जाए।