वाराणसी
डॉक्टर डे पर विशेष

चिकित्सकीय सेवा के साथ बालिकाओं को जागरूक करना कर्तव्य : डॉ अर्चना उपाध्याय
रिपोर्ट : मनोकामना सिंह
वाराणसी । चिकित्सा समाज-कार्य, समाज कार्य का एक उपविषय है। इसे ‘चिकित्सालय समाज-कार्य’ भी कहते हैं। चिकित्सा समाजकार्यकर्ता प्रायः किसी अस्पताल या नर्सिंग सुविधा में कार्य करते हैं, वे चिकित्सा समाज-कार्य में स्नातक होते हैं, तथा उन रोगियों और उनके परिवार के लोगों को मनोसामाजिक सहायता करते हैं जिन्हें इसकी आवश्यकता होती है। कुछ इसी तरह से चिकित्सा सेवा के साथ अपने राजनीतिक सेवा को भी अंजाम देती है लक्ष्मी नारायण सेवा सदन मोहांव की संचालिका व भाजपा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की संयोजिका वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ अर्चना उपाध्याय । डॉ अर्चना उपाध्याय ने कहा कि डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है इसका प्रत्यक्ष प्रमाण कोरोना काल के दौरान देखने को मिला । जब अपनी जान की परवाह किये बिना चिकित्सकों ने लोगों की जान बचाने को अपनी जान दांव पर लगा दी । श्रीमती उपाध्याय ने बताया कि चिकित्सकीय कार्य के अलावा समय समय पर वह बालिकाओं को स्वच्छता और पढ़ाई के लिए जागरूक करने तथा गरीब लोगों की सेवा अपना कर्तव्य समझती है । वह गरीब लोगों का मुफ्त उपचार व उन्हें दवा देने का कार्य करती है । इसके साथ ही सरकार की जन उपयोगी योजनाओं को भी जन जन तक पहुंचाने का काम करती है । कोरोना काल के दौरान भी उन्होंने गरीब घरों में राशन व फल वितरण कर समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया है और आगे जरूरत पड़ने पर भी कभी पीछे नही हटेंगी ।