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वाराणसी

डिजिटल अरेस्ट का झांसा देकर बुजुर्ग डॉक्टर से लूटे करोड़ों

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वाराणसी में साइबर ठगी का हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसमें 74 वर्षीय रिटायर्ड डॉक्टर महेश प्रसाद को जालसाजों ने 538 करोड़ की मनी लांड्रिंग के नाम पर आठ दिन तक डिजिटल हाउस अरेस्ट में रखकर 1.10 करोड़ रुपये की ठगी कर ली।

डॉ. महेश प्रसाद बिहार के मुंगेर में सरकारी सेवा में थे और वर्तमान में वाराणसी के यश विहार कॉलोनी में रहते हैं। 8 मई को जब वह अपने छोटे बेटे अरुण कुमार के पास लखीसराय में थे, तब उन्हें एक अनजान कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को कोलाबा पुलिस स्टेशन से बताते हुए कहा कि उनके नंबर और आधार का इस्तेमाल अवैध मनी लांड्रिंग में हुआ है।

डर के साये में आए महेश प्रसाद ने 11 मई को वंदे भारत से वाराणसी की यात्रा की और 14 व 15 मई को उन्होंने अपने बैंक खातों से कई बार में कुल 1.10 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए। उन्हें यकीन दिलाया गया था कि यह राशि जांच का हिस्सा है और बाद में लौटा दी जाएगी।

बेटों को कुछ भी बताए बिना उन्होंने यह सारा लेन-देन कर डाला। जब पैसे वापस नहीं आए, तब जाकर उन्होंने अपने बड़े बेटे को जानकारी दी, जिसके बाद साइबर क्राइम थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई।

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साइबर पुलिस के अनुसार, इस पूरे घटनाक्रम में डॉक्टर को आठ दिन तक मोबाइल पर नजरबंद रखा गया। उन्हें रात में मोबाइल चार्ज में लगाकर किसी से बात न करने का निर्देश दिया गया था।

उत्तर प्रदेश पुलिस के साइबर एडवाइजर राहुल मिश्रा ने कहा कि “डिजिटल हाउस अरेस्ट” जैसी कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं होती। यह एक साइबर ठगों की सोशल इंजीनियरिंग चाल है, जिसमें व्यक्ति को मानसिक रूप से नियंत्रित कर उससे पैसा ऐंठा जाता है।

फिलहाल साइबर थाने की टीम मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट्स की जांच कर रही है और जल्द ही आरोपियों को पकड़ने का दावा किया गया है।

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