वाराणसी
जिले की 52 पीएचसी पर लगा आरोग्य मेला
मुफ्त मिलीं स्वास्थ्य सेवाएं, लाभान्वित हुए 1,769 मरीज
सीएमओ ने पीएचसी चिरईगांव और शहरी पीएचसी टाउन हॉल पहाड़िया का किया निरीक्षण
संचारी रोगों डेंगू, मलेरिया से बचाव, केवल स्तनपान आदि के लिए किया जागरूक
रिपोर्ट – मनोकामना सिंह
वाराणसी| रविवार को एक बार फिर से जिले के कुल 52 ग्रामीण व शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेला आयोजित हुआ। आरोग्य स्वास्थ्य मेले में कुल 1769 मरीजों की नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच की गयी। इसके साथ ही मरीजों निःशुल्क दवा एवं चिकित्सीय परामर्श भी दिया गया। इसके अलावा सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर संचारी रोगों डेंगू, मलेरिया, पानी नहीं केवल स्तनपान एवं मौसमी बीमारियों के लिए जागरूक किया गया।
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) चिरईगांव एवं शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र टाउन हॉल पहाड़िया पर आयोजित मुख्यमंत्री आरोग्य मेले का निरीक्षण किया । इन स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्य मेले में दी जा रही सेवाओं के संबंध में जानकारी प्राप्त करते हुए पैथोलॉजी में की जा रही जांच के संबंध में भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने निर्देशित किया कि सभी प्रकार की जांच के लिए आवश्यक टेस्टिंग किट, उपकरण, रीजेंट की उपलब्धता चिकित्सा इकाई पर की जाए, यदि आवश्यक हुआ तभी मरीजों को उच्च इकाईयों पर जांच के लिए संदर्भित किया जाए।
सीएमओ ने बताया कि जिले की 52 पीएचसी में मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों का आयोजन किया गया। मेले का उद्देश्य है कि एक ही छत के नीचे लोगों को अधिकाधिक स्वास्थ्य सुविधाएं, जांच, उपचार और दवाएं आदि उपलब्ध हो। हमारा प्रयास है कि इस मेले से अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हों। उन्होंने बताया कि मेला परिसर में प्रवेश करने से पूर्व प्रत्येक व्यक्ति की स्क्रीनिंग की जा रही है। मेले में मास्क और सेनिटाइजर की भी व्यवस्था है। सभी लोग सहयोगात्मक व्यवहार करें। इससे जांच, उपचार और दवाओं आदि की सुविधा आसानी से मिल सकेगी।
सीएमओ ने जनपदवासियों से अपील की कि संचारी रोगों जैसे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, फाइलेरिया आदि से बचाव के लिए घर व आसपास ज्यादा दिन तक पानी जमा न होने दें, क्योंकि ठहरे व साफ पानी में ही डेंगू का मच्छर पनपता है। साफ-सफाई का जरूर ध्यान रखें। गर्म व ताजा खाना ही खाएं। पीने के पानी को हमेशा ढक कर रखें व स्वच्छ व साफ पानी का ही उपयोग करें। उन्होंने कहा कि “हर शनिवार व रविवार मच्छर पर वार” को ध्यान में रखते हुए जमा हुए पानी स्रोतों का विनष्टीकरण जरूर करें। इसके साथ ही कोरोना से बचाव के लिए मास्क लगाना, दो गज दूरी और हाथों को बार-बार सैनिटाइज करना न भूलें।
मेले में 1,769 लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई जिसमें 675 पुरुषों, 869 महिलाओं और 225 बच्चों को देखा गया । इन स्वास्थ्य मेलों में आयुष्मान भारत योजना के स्टॉल लगाकर 52 लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड भी बनाए गए। इस दौरान कोविड हेल्प डेस्क पर 1180 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गईं, जिसमें 480 व्यक्तियों का एंटीजन किट से कोरोना टेस्ट किया गया जिसमें सभी व्यक्ति निगेटिव पाये गए। इसके अलावा 58 लोगों की हेपेटाइटिस-बी व सी की जांच हुई, 138 बुखार के, 107 लोगों की मलेरिया जांच में एक भी पॉजिटिव नहीं, 16 लिवर, 95 श्वसन, 209 उदर, 62 मधुमेह, 264 त्वचा संबन्धित मरीज, 6 टीबी के संभावित लक्षण दिखने वाले व्यक्ति, 23 एनीमिक महिलाएं, 55 हाईपेर्टेंशन, 158 महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) एवं 649 अन्य रोगों के मरीज देखे गए। वहीं 20 मरीजों को संदर्भित किया गया। मेले में 4 कुपोषित बच्चे चिन्हित हुए। 5 मरीजों को चिकित्सीय उपचार के लिए भेजा गया। इसके अलावा 35 मरीजों को आँख की स्क्रीनिंग की गयी जिसमें 3 मरीजों को सर्जरी, 2 मरीजों को जनरल सर्जरी, 1 मरीज को ई इन टी सर्जरी एवं 9 मरीजों को ओब्स एवं गायनी सर्जरी के लिए चिन्हित किया गया। जिला स्तर पर मेले में 96 मेडिकल ऑफिसर एवं 334 पैरामेडिकल स्टाफ ने कार्य किया।
मेला में मिलीं सुविधाएं –
मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों में गोल्डन कार्ड बनवाने, गर्भावस्था एवं प्रसव कालीन परामर्श, पूर्ण टीकाकरण एवं परिवार नियोजन संबंधी साधनों एवं परामर्श की व्यवस्था रही। इसके साथ ही संस्थागत प्रसव संबंधी जागरूकता, जन्म पंजीकरण परामर्श, नवजात शिशु स्वास्थ्य सुरक्षा परामर्श एवं सेवाएं, बच्चों में डायरिया एवं निमोनिया की रोकथाम के साथ ही टीबी, मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया, कुष्ठ आदि बीमारियों की जानकारी, जांच एवं उपचार की नि:शुल्क सेवाएं दी गई। पीएचसी पर जो जांचें नहीं हो पाईं उन मरीजों को जांच के लिए सीएचसी अथवा जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया।