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आजमगढ़

जल संरक्षण के लिए निरंकारी मिशन की पहल

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आजमगढ़। संत निरंकारी मिशन ने प्रकृति की शुद्धता और मानवता के उत्थान के लिए एक और स्वर्णिम कदम बढ़ाया है। इस कदम के अंतर्गत ‘अमृत प्रोजेक्ट’ के ‘स्वच्छ जल, स्वच्छ मन’ अभियान का तीसरा चरण विश्वभर में आयोजित किया गया। आजमगढ़ में स्थित तमसा नदी के एकलव्य घाट पर सेवादल के भाई-बहनों ने साफ-सफाई की और एक जागरूकता रैली निकाली।

यह अभियान परम वंदनीय सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज और निरंकारी राजपिता रमित जी के आशीर्वाद से 23 फरवरी 2025 को शुरू हुआ, जो एक नई जागृति और सेवा के दिव्य प्रकाश का प्रतीक बना।

संत निरंकारी मिशन के सचिव जोगिंदर सुखीजा ने बताया कि इस अभियान में देशभर में लाखों स्वयंसेवकों ने भाग लिया और इस मुहिम का उद्देश्य केवल एक दिन की सेवा नहीं, बल्कि जल स्रोतों की निरंतर सफाई और जल संरक्षण की दिशा में एक लंबा रास्ता तय करना है। इस पवित्र अभियान को संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के तहत आयोजित किया गया, जो पूज्य बाबा हरदेव सिंह जी की शिक्षाओं से प्रेरित है।

इस अभियान का उद्देश्य न केवल जल स्रोतों की स्वच्छता, बल्कि घरों में जल बचत की आदतों को भी बढ़ावा देना था, ताकि यह अमूल्य संसाधन आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित रह सके।

इस पहल को ग्लोबल एनर्जी एंड एनवायरनमेंट फाउंडेशन (GEEF) ने मान्यता देते हुए संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन को प्रतिष्ठित ‘वाटर कंजर्वेशन इनिशिएटिव एनजीओ ऑफ द ईयर 2025’ पुरस्कार से सम्मानित किया। यह पुरस्कार प्रोजेक्ट अमृत और जल संरक्षण एवं स्वच्छता के प्रति निरंतर प्रयासों का प्रतीक है, जो समाज को स्वच्छ, स्वस्थ और समृद्ध भविष्य की ओर अग्रसर करने में सहायक हैं।

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