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मिर्ज़ापुर

चांदी से बने दरवाजे से सजा विंध्याचल मंदिर का निकास द्वार

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मिर्जापुर। बिहार के औरंगाबाद निवासी रविंद्र सैनी ने आदिशक्ति माता विंध्यवासिनी को चांदी का द्वार अर्पित किया। 76.800 किलो चांदी से बने इस दरवाजे को वाराणसी के कारीगरों ने बनाया है। भक्त रविंद्र सैनी की इच्छा थी कि माता के धाम में प्रवेश और निकास दोनों द्वार रजत मंडित हों। पहले से ही गणेश द्वार भक्त के द्वारा रजत मंडित किया जा चुका था। अब नए निकास द्वार पर भी रजत मंडित दरवाजा लगाया गया है।

श्रीविंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी ने बताया कि तीर्थ पुरोहित सूर्य प्रसाद मिश्र के यजमान रविंद्र सैनी ने मां के निकास द्वार को चांदी से सजाने का संकल्प लिया था। इसके लिए जिला प्रशासन से अनुमति प्राप्त कर गुरुवार को इस दरवाजे को चांदी में तब्दील किया गया।

तीर्थ पुरोहित सूर्य प्रसाद मिश्र ने बताया कि मां विंध्यवासिनी के दरबार में इस वर्ष जून में महाराष्ट्र के निवासी संजय सिंह ने 52 किलो चांदी और 4.50 किलो सोने से मंडप को स्वर्ण मंडित कराया था, जिसका कुल खर्च 4.30 करोड़ रुपये आया था।

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