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वाराणसी

अवैध अतिक्रमण के बाबत वीडीए द्वारा दिनांकित व प्रतिहस्ताक्षरित नोटिस पुनः चस्पा की गयी

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   वाराणसी। संयुक्त सचिव, वाराणसी विकास प्राधिकरण ने शिवाला स्थित प्राचीन अघोरपीठ बाबा कीनाराम स्थल पर ध्वस्ती प्रकरण के संबंध में बताया कि अवैध अतिक्रमण के बाबत बाबा कीनाराम मठ के मुख्य द्वार पर जो नोटिस चस्पा की गयी थी, वह त्रुटिवश अदिनांकित व अहस्ताक्षरित ही चस्पा कर दी गयी थी। सुधारोपरान्त दिनांकित व प्रतिहस्ताक्षरित नोटिस पुनः चस्पा कर दी गयी हैं। उन्होंने कहा कि वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा किसी भी प्रकार की उत्पीड़नात्मक कार्यवाही नहीं की जा रही हैं।
 संयुक्त सचिव ने स्पष्ट करते हुए बताया कि आराजी नं0 973 का अंश रकबा 0.2400 एकड़ व आराजी नं० 970 का अंश रकबा 0.1636 एकड़, इस प्रकार कुल 2 गाटों का कुल रकबा 0.4036 एकड़ यानि 17600 वर्ग फीट बाबा कीनाराम मठ की चहारदीवारी के अन्दर स्थित है। इसमें से 16725 वर्ग फीट भूमि संगीत परिषद, वाराणसी को प्रेक्षागृह व अन्य भवन बनाने के लिए 30 वर्ष के पट्टे पर 31 अगस्त,1961 को दी गयी थी, जो रविन्दपुरी में स्थित भेलूपुर आवासीय योजना का प्लाट नं0-95ए था। संगीत परिषद द्वारा पट्टे के नियमों का उल्लंघन करने के कारण तत्कालीन उपाध्यक्ष वाराणसी विकास प्राधिकरण हरदेव सिंह द्वारा उक्त भूमि का पट्टा विलेख 23फरवरी 1998 को वापस ले लिया गया एवं संगीत परिषद के पक्ष में की गयी समस्त कार्यवाहियां निरस्त कर दी गयीं। उक्त भूखण्डो के बाबत डिनोटिफिकेशन की कार्यवाही नहीं की गयी है। आराजी नं०-973 व 970 का कुल अंश रकबा 17600 वर्ग फीट भूमि बाबा कीनाराम मठ द्वारा अनाधिकृत रूप से अपनी चहारदीवारी के अन्दर कायम कर रखी गयी है। उक्त भू-खण्डों का सीमांकन 01 अगस्त 2023 को तहसील सदर के क्षेत्रीय राजस्व लेखपाल व वाराणसी विकास प्राधिकरण की संयुक्त टीम द्वारा किया गया। सीमांकन से यह तथ्य प्रकाश में आया कि उक्त भू-भाग बाबा कीनाराम मठ परिसर की चहारदीवारी के अन्दर मुख्य प्रवेश मार्ग पर उत्तरी व दक्षिणी भाग पर कायम हैं, जिसकी उ०-द0 लम्बाई 105 मीटर, पू०प० चौड़ाई 20.45 मीटर पतले त्रिभुजाकार भूमि क्षेo 1636.8 वर्ग मीटर के रूप में हैं।

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