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गाजीपुर

यूपी एसटीएफ को मिली बड़ी सफलता, मुख्तार अंसारी का शूटर अनुज मुठभेड़ में ढेर

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गाजीपुर और मऊ में आतंक का पर्याय बने कुख्यात अपराधी अनुज कनौजिया को उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने झारखंड पुलिस के सहयोग से जमशेदपुर में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया। वह मुख्तार अंसारी गिरोह का एक प्रमुख सदस्य था और कई संगीन अपराधों में लिप्त था।

16 साल पुरानी प्रेम कहानी बनी थी अपराध का कारण

अनुज का नाम 2009 में गाजीपुर के दुल्लहपुर बाजार में हुए एक सनसनीखेज हत्याकांड से जुड़ा था। उस समय मेडिकल स्टोर संचालक संजय वर्मा से हुए विवाद के बाद अनुज और उसके साथियों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थीं, जिसमें संजय के भाई मनोज वर्मा की जान चली गई थी। इस वारदात के पीछे अनुज और रीना राय की प्रेम कहानी थी। बाद में रीना उसकी पत्नी बनी।

मुख्तार अंसारी का भरोसेमंद था अनुज

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अनुज कनौजिया मुख्तार अंसारी के गिरोह का एक महत्वपूर्ण सदस्य था। न केवल वह गिरोह के लिए नए शूटरों की भर्ती करता था, बल्कि हत्या की साजिशें भी रचता था। वह हथियारों का शौकीन था और दोनों हाथों से एक साथ फायरिंग करने में माहिर था। लगातार ठिकाने बदलने की वजह से वह लंबे समय तक पुलिस की पकड़ से बाहर रहा।

मुख्तार अंसारी के प्रभावशाली दिनों में अनुज को भी काफी लाभ मिला, लेकिन 2012 के बाद परिस्थितियां बदलने लगीं। वह गोरखपुर जिला कारागार में बंद था, लेकिन मुख्तार के कमजोर पड़ने के साथ उसकी मुश्किलें भी बढ़ने लगीं।

पत्नी रीना राय का भी आपराधिक कनेक्शन

अनुज की पत्नी रीना राय भी अपराध की दुनिया में सक्रिय रही। वह मऊ जेल में बंद है और उसके साथ उसके दो बच्चे भी हैं। रीना और अनुज की प्रेम कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं थी। एक युवक रीना को परेशान करता था, जिसकी शिकायत उसने अनुज से की। इसके बाद अनुज ने उस युवक की हत्या कर दी। इस घटना के बाद रीना अनुज के करीब आ गई और उसने अपने परिवार के विरोध के बावजूद उससे शादी कर ली। शादी के समय अनुज जेल में था और पुलिस कस्टडी में ही उनका विवाह संपन्न हुआ।

शादी के बाद जब अनुज जेल में था, तो रीना ने उसके अवैध कारोबार को संभालना शुरू कर दिया। 2023 में रंगदारी मांगने के आरोप में पुलिस ने उसे झारखंड के रांची से गिरफ्तार किया था।

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अनुज पर लंबा आपराधिक रिकॉर्ड, इनामी राशि थी ढाई लाख रुपये

अनुज पर विभिन्न थानों में कई मुकदमे दर्ज थे। मऊ के कोतवाली थाना क्षेत्र में उसके खिलाफ छह मामले थे, रानीपुर में पांच, दक्षिण टोला में दो और चिरैयाकोट में तीन केस दर्ज थे। गाजीपुर और आजमगढ़ में भी उस पर संगीन आरोप थे।

अनुज की गिरफ्तारी पर पहले एक लाख रुपये का इनाम था, जिसे हाल ही में बढ़ाकर ढाई लाख रुपये कर दिया गया था।

इंजीनियर की हत्या से लेकर संपत्ति कुर्की तक

2009-10 के दौरान एक ठेके के विवाद में उसने एक इंजीनियर की हत्या कर दी थी। 2016 तक वह गोरखपुर जेल में बंद था, फिर उसे मेरठ भेजा गया, जहां से उसे जमानत मिल गई। 2019 में मऊ में एक अन्य हत्या के मामले में उसका नाम आया, जिसमें मुख्तार अंसारी भी आरोपी था। इसके बाद से वह फरार था। 2021 में अदालत के आदेश पर उसकी संपत्ति कुर्क कर ली गई थी।

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मुठभेड़ में घायल हुए STF अधिकारी

STF प्रमुख अमिताभ यश ने बताया कि जमशेदपुर में हुई इस मुठभेड़ की अगुवाई STF के डिप्टी एसपी डीके शाही ने की। इस दौरान डीके शाही को भी गोली लगी, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पिछले पांच वर्षों से पुलिस अनुज की तलाश कर रही थी, और अब उसकी मौत के साथ ही मुख्तार अंसारी गिरोह का एक और बड़ा नाम खत्म हो गया।

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