वाराणसी
*हस्तशिल्पियों और बुनकरों की कला को मिलेगा नयी मंजिल, वाराणसी में बनेगा खादी कांप्लेक्स
वाराणसी।बनारस और आसपास के जिलों के बुनकरों और हस्तशिल्पियों की कला के संवर्धन और विकास के लिए काम शुरू हुआ है। इसके तहत यहां खादी कांप्लेक्स का निर्माण कराया जाएगा। इस कांप्लेक्स में दुकानें, व्याख्यान कक्ष, आयोग का दफ्तर होगा। कांप्लेक्स निर्माण पर 12 करोड़ के करीब लागत आने का अनुमान है। विभागीय स्तर पर कांप्लेक्स निर्माण की खातिर मानचित्र तैयार करने और उसे स्वीकृत कराने की कवायद तेज कर दी गई है।
कांपलेक्स में खादी प्लाजा भी होगा
दरअसल ये कांप्लेक्स तेलियाबाग स्थित खादी ग्रामोद्योग आयोग के पुराने भवन की जगह लेगा। इसमें खादी प्लाजा भी होगा, जिसमें तकरीबन 20 दुकानें होंगी। ये दुकानें खादी से जुड़ी संस्था के कारीगरों को ही आवंटित की जाएंगी ताकि वो अपने उत्पादों को प्रदर्शित कर सकें।
वर्ष पर्यंत मिलेंगे खादी के उत्पाद
कांप्लेक्स बनने के बाद देश में बनने वाले खादी उत्पाद वर्ष पर्यंत यहां उपलब्ध रहेंगे। बता दें कि अब तक खादी ग्रामोद्योग आयोग की ओर से साल में एक बार राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी लगाई जाती है, जिसमें कश्मीर, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों के कारीगरों के स्टाल लगाए जाते रहे हैं। कांपलेक्स के निर्माण के बाद बनारस और आसपास ही नहीं बल्कि यूपी सहित देश के अन्य राज्यों के खादी उत्पाद भी साल भर मिल पाएंगे।
ऐसा होगा कांप्लेक्स का स्वरूप
बनारस में बनने वाला खादी कांप्लेक्स तीन मंजिला होगा। इसके प्रथम तल पर दुकानें, दूसरे तल पर खादी ग्रामोद्योग आयोग का कार्यालय होगा और तीसरे तल पर सेमिनार हॉल, मीटिंग रूम व विशिष्ट अतिथियों के लिए रूम होंगे। इसकी अनुमानित लागत करीब 12 करोड़ रुपये होगी। इस भवन में पूर्वांचल के साथ ही देश के विभिन्न राज्यों के खादी उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी ताकि यहां आने वाले पर्यटकों को लाभ मिल सके।
“कांपलेक्स निर्माण के लिए मानचित्र स्वीकृत कराने की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। निविदा आमंत्रित करने और उसकी स्वीकृति के बाद निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा। तकरीबन जुलाई तक ये सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएंगी। उसके बाद निर्माण शुरू हो जाएगा।”- डीएस भाटी, निदेशक, खादी ग्रामोद्योग आयोग