गाजीपुर
“जब जनता अपने अधिकारों के लिए खड़ी होती है, तो बदलाव संभव होता है”: राघवेंद्र चौबे

वाराणसी/गाजीपुर। जब लोग एकजुट होकर न्याय की लड़ाई लड़ते हैं, तो कोई भी गलत फैसला ज्यादा देर तक टिक नहीं सकता। इसी का नतीजा है कि शासन-प्रशासन को वीर अब्दुल हमीद जी के नाम को पुनः अंकित करना पड़ा। यह फैसला जनता की आवाज़ और जनआंदोलन की ताकत को दर्शाता है।
वाराणसी महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा कि जब जनता अपने अधिकारों के लिए खड़ी होती है, तो बदलाव संभव होता है। वीर अब्दुल हमीद का नाम हटाए जाने पर कांग्रेसजनों ने कड़ा विरोध जताया था और आंदोलन की चेतावनी दी थी। परिणामस्वरूप, प्रशासन को जनता की मांग के आगे झुकना पड़ा और वीर अब्दुल हमीद का नाम पुनः विद्यालय की दीवारों पर अंकित कर दिया गया।
राघवेंद्र चौबे ने कहा कि वीर अब्दुल हमीद हम सभी के लिए प्रेरणा हैं और उनकी वीरता हमें अपने अधिकारों के लिए अडिग रहने की सीख देती है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि भविष्य में इस तरह की किसी भी छेड़छाड़ को सहन नहीं किया जाएगा और सरकार को इस पर जवाबदेही सुनिश्चित करनी होगी।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय समेत पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने इस प्रकरण पर आपत्ति जताई थी। गाजीपुर और वाराणसी के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विभिन्न माध्यमों से विरोध दर्ज कराया, जिससे सरकार को नाम वापसी का निर्णय लेना पड़ा।
यह सरकार चाहे जितना भी तथ्य छुपाने की कोशिश करे, वीरों के योगदान को मिटाने का प्रयास करे, लेकिन वीरों की अमिट छाप को कभी नहीं मिटाया जा सकता। वीर अब्दुल हमीद का नाम बदलने का कदम कांग्रेस और जनता ने बर्दाश्त नहीं किया, और अंततः सरकार को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना पड़ा।