मिर्ज़ापुर
रामलीला मैदान में श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ, श्रद्धालु हुए मंत्रमुग्ध

मड़िहान (मिर्जापुर)। रामलीला मैदान में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के प्रथम दिवस पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। कथा वाचक स्वामी जगदीशानन्द महाराज ने अपनी वाणी से भक्तों को भावविभोर कर दिया। उन्होंने ज्ञान शिरोमणि शुक्रदेव भगवान और कपिल भगवान की कथा का मार्मिक वर्णन किया, जिसे सुनकर भक्तजन मंत्रमुग्ध हो गए।
शुक्रदेव भगवान के त्याग का वर्णन
स्वामी जगदीशानन्द महाराज ने कहा कि शुक्रदेव जैसा त्यागी और निर्विकार जीवात्मा मिलना दुर्लभ है। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन होकर संसार की मोह-माया को त्याग दिया। वगैर संस्कार के जंगल में चले गए और तब उनके पिता व्यास जी ने उन्हें खोजा। कथा के दौरान स्वामी जी ने बताया, “संस्कार उसी की होती है जिसमें विकार हो, लेकिन शुक्रदेव निर्विकार थे। छोटी उम्र में ही उन्होंने मोह-माया का त्याग कर दिया था। मोह-माया पानी के बुलबुले के समान है, जो किसी भी क्षण फूट सकती है। इसलिए मनुष्य को भक्ति की उस दरिया के समान होना चाहिए जिसमें सदैव भक्ति की लहरें उठती रहें।”
कपिल भगवान की भक्ति पर विशेष जोर
कपिल भगवान के जीवन का वर्णन करते हुए स्वामी जगदीशानन्द महाराज ने कहा कि भगवान कपिल वासनाओं से मुक्त और इंद्रियों को अपने नियंत्रण में रखने वाले थे। उन्होंने भक्तों को संदेश दिया कि संतों के संग से मनुष्य अपने भीतर की वासनाओं और विकारों को दूर कर सकता है। संत संग तीर्थ के समान पवित्र होता है, जिससे मनुष्य की आत्मा शुद्ध हो जाती है और उसे ईश्वर की शरण में जाने का मार्ग प्राप्त होता है।
श्रीमद्भागवत कथा के इस प्रथम दिवस पर भक्तों की उत्साहजनक उपस्थिति रही। कथा स्थल पर श्रद्धालु घंटों तक भक्ति रस में डूबे रहे। कार्यक्रम के आयोजकों ने बताया कि कथा प्रतिदिन संध्या 4 बजे से आयोजित की जाएगी।