सियासत
महाराष्ट्र में किसकी बनेगी सरकार ?

जानिए मुंबई समेत सभी 35 जिलों का हाल
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के ऐलान में अब सिर्फ एक महीने का समय बचा है, लेकिन राज्य में चुनावी सरगर्मी पूरे जोरों पर है। लोकसभा चुनावों में बड़े उलटफेर के बाद पूरे देश की नजरें महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों पर लगी हुई हैं। महाराष्ट्र में अगर आज चुनाव हो जाएं तो क्या तस्वीर उभरेगी। इसका अनुमान एक ताजा सर्वे में सामने आया है।
महायुति ने जहां एक के बाद कई बड़ी योजनाओं का ऐलान किया है तो वहीं महाविकास आघाडी के घटक भी समीकरण बैठाने में लगे हैं। विधानसभा चुनावों में सत्ता पर काबिज महायुति और विपक्ष के गठबंधन महाविकास आघाड़ी (MVA) में मजबूत टक्कर होने की उम्मीद की जा रही है।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली महायुति सरकार ने विधानसभा चुनावों से ठीक पहले एक बड़ा दांव खेला है। सरकार ने मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना लांच की है। महायुति की इस महत्वाकांक्षी योजना के बाद राज्य में कितना असर पड़ रहा है ? मुंबई और समेत राज्य के बाकी जिलों में महायुति और महाविकास आघाडी की क्या स्थिति रह सकती है ? इसका अनुमान एक ताजा सर्वे में सामने आया है।
महाराष्ट्र के वरिष्ठ सेफोलॉजिस्ट दयानंद नेने ने एक बड़ा सर्वे किया है। सर्वे में शामिल लोगों से महायुति और महाविकास आघाडी के साथ अन्य में पसंद और वोट करने के लिए पूछा गया। इसमें मनसे को भी अन्य की श्रेणी में रखा गया, तो सर्वे में चौंकाने वाली तस्वीर उभरी। एम्पिरीकल और मास सर्वे के नतीजों में सामने आया है कि लाडली बहन योजना महायुति के पक्ष के कोई बड़ी लहर पैदा नहीं कर रही है। राज्य में कानून व्यस्था के साथ बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है।
जब लोगों से महायुति के प्रदर्शन के बारे में पूछा गया तो 28 फीसदी लोगों ने अच्छा, 20 फीसदी ने संतोषजनक, 20 फीसदी ने खराब, 21 फीसदी ने असंतोषजनक और 11 फीसदी ने पता नहीं कहा।
वरिष्ठ सेफोलॉजिस्ट दयानंद नेने ने अपने जुलाई के अंत के सर्वे में महाविकास अघाडी (एमवीए) को 158 सीटें और महायुति को 122 सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया था। अब, डेढ़ महीने बाद किए गए दूसरे सर्वेक्षण में सामने आया है कि जनता की राय में अभी भी कोई खास अंतर नहीं हुआ है। आज महाविकास अघाडी 158 के मुकाबले 152 पर है, जबकि महायुति 122 के मुकाबले 123 पर स्थिर है। सर्वे में अगले मुख्यमंत्री के तौर देवेंद्र फडणीस को ज्यादा लोगों ने पसंद किया। दूसरे नंबर पर उद्धव ठाकरे और फिर एकनाथ शिंदे रहे।