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तबादला घोटाले पर सीएम योगी का बड़ा एक्शन, स्टाम्प और पंजीयन विभाग में ट्रांसफर पर रोक

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लगातार सामने आ रहे तबादला विवादों के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला लिया है। अब बेसिक शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के बाद स्टाम्प एवं पंजीयन विभाग में भी सभी तबादलों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अब किसी भी अधिकारी का ट्रांसफर अग्रिम आदेशों तक प्रभावी नहीं होगा। साथ ही पूरे मामले की गहन जांच के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।
प्रमुख सचिव, स्टाम्प एवं पंजीयन विभाग ने निर्देश जारी कर बताया कि निबंधक एवं उप-निबंधकों के सभी स्थानांतरण आदेश फिलहाल स्थगित किए जाते हैं। इस निर्णय के पीछे हाल ही में सामने आई अनियमितताओं की शिकायतें हैं, जिनमें मेरिट की अनदेखी और अधिकारियों की लापरवाही उजागर हुई है।
स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन मंत्री रविन्द्र जयसवाल ने कहा कि तबादलों की सूची में गंभीर गड़बड़ी सामने आई थी। उन्होंने बताया कि उन्होंने खुद मुख्यमंत्री से भेंट कर स्थिति से अवगत कराया, जिसके बाद सीएम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए न केवल तबादलों को रद्द किया, बल्कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई के भी निर्देश दिए।
13 जून 2025 को महानिरीक्षक निबंधन द्वारा कुल 58 उप-निबंधकों, 1 अन्य उप-निबंधक और 29 नव-प्रोन्नत उप-निबंधकों का तबादला आदेश जारी किया गया था। इसके अगले ही दिन यानी 14 जून को 114 कनिष्ठ सहायक (लिपिक) का भी ट्रांसफर किया गया था। इन सभी तबादलों में गंभीर अनियमितताओं की शिकायतें सामने आईं, जिससे पूरे विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे।
इससे पहले, बेसिक शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में भी तबादलों के मामलों में भारी गड़बड़ी को लेकर तबादला सत्र को शून्य घोषित किया जा चुका है। अब स्टाम्प एवं पंजीयन विभाग में कार्रवाई के बाद यह साफ हो गया है कि राज्य सरकार ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़ी अनियमितताओं को लेकर कोई समझौता नहीं करने वाली।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह निर्णय प्रशासन में पारदर्शिता, जवाबदेही और सुशासन की दिशा में एक और बड़ा कदम माना जा रहा है।