वाराणसी
*PM Modi के पैतृक गांव वडनगर का होगा पुरातात्विक अध्ययन बीएचयू सहित दुनिया के पुरातत्वविद होंगे शामिल*
वाराणसी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के पैत्रिक नगर वडनगर का पुरातात्विक अध्ययन किया जाएगा। इसमें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के 26 प्रतिभागियों की भी सहभागिता होगी। साथ ही दुनिया भर के करीब दो हजार पुरातत्वविदों का जमावड़ा होगा। ये सभी वड नगर के पुरातात्विक महत्व पर चिंतन करेंगे। इसके लिए 18-20 मई तक गुजरात के गांधीनगर में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।
वडनगर को ऐतिहासिक विरासत वाले पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की पहल
बीएचयू के प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग की अध्यक्ष प्रो सुमन जैन ने मीडिया को बताया कि वडनगर को ऐतिहासिक विरासत पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की खातिर नए विचारों, दृष्टिकोण, रणनीति को साझा करने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्री सम्मेलन आयोजित किया गया। इसके तहत पूरी टीम वडनगर के पुरातत्व उतखनन वाले स्थलों का मुआयना भी करेगी।
विश्वविद्यालयो और संस्थानों के बीच करारनामे पर होगा हस्ताक्षर
उन्होंने बताया कि इस अध्यय के लिए विश्वविद्यालयों और संसथानों के बीच करारनामे (एमओयू) पर हस्ताक्षर भी होंगे। ऐतिहासिक अनुसंधान, स्थिति मूल्यांकन, पुरातात्विक निष्कर्षो के अध्ययन तथा अन्य राज्य संरक्षित स्मारकों के लिए एकेडमिक संस्थानों के साथ सहयोगात्मक प्रयास होगा।
वडनगर जाने वाली बीएचयू की टीमवडनगर आए थे चीनी यात्री ह्वेनसांग
बताया कि चीनी यात्री ह्वेनसांग भी यहां आए थे। उन्होंने अपने आलेखों में यहां का वर्णन किया है। गुजरात सरकार ने 2006 में प्रमुख उत्खनन के जरिए इसकी पहचान की थी। पहली सदी के इर्द-गिर्द इस स्थान पर मठों व मन्नत स्तूपों क साथ एक बौद्ध परिसर स्थापित किया गया जो सातवीं शताब्दी तक रहा। इस उत्खनन में 40 हजार से ज्यादा कलाकृतियां भी मिली हैं।
वड नगर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी (18-20 मई, 2022)
प्रो सुमन जैन, विभागाध्यक्ष, एवं काशी हिंदू विश्वविद्यालय के नोडल अधिकारी, वडनगर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के नेतृत्व में प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के 26 प्रतिभागी दिनांक 17 मई 2022 को गांधी नगर, गुजरात के लिये रवाना होंगे। इस दल में 15 शिक्षकगण एवं 12 शोधार्थी शामिल है।
बीएचयू की टीम
शिक्षक-प्रो सुमन जैन (नोडल अधिकारी), प्रो पीके श्रीवास्तव, प्रो ओंकार नाथ सिंह, प्रो ऊषा रानी तिवारी, डॉ शीतल राणा, डॉ अशोक कुमार सिंह, डॉ विनय कुमार, डॉ अमित कुमार उपाध्याय, डॉ विकास कुमार सिंह, डॉ प्रियंका सिंह, डॉ उमेश कुमार सिंह, डॉ विनोद कुमार जायसवाल एवं डॉ विराग गोपाल सोनटक्के है।
शोधार्थी- डॉ रविशंकर, डॉ उत्तम कुमार द्विवेदी, अनिल कुमार, प्रियंका, विक्की कुमारी, परमदीप पटेल, राहुल कुमार भारती, संध्या विश्वकर्मा, जवा मधुर, प्रतिभा द्विवेदी, देवेन्द्र कुमार एवं अंशुमन माथुर शामिल है।
सम्मेलन में भाग लेंगे दो हजार प्रतिभागी, 20 विश्वविद्यालयों का होगा प्रतिनिधित्व
सम्मेलन में देश-विदेश के लगभग 2000 प्रतिभागी भाग ले रहे है, जिनमें 20 विश्वविद्यालयों का प्रतिनिधित्व है। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य अतीत में वड नगर, जो कि प्रधानमंत्री जी का पैतृक गांव भी है के उत्खनन से प्राप्त विभिन्न पुरावशेषों की प्रदर्शनी एवं वड नगर के पुरातात्विक विरासत के पटल पर लाना है। इस संगोष्ठी में शोधार्थियों के द्वारा तैयार किए गए पोस्टरो का भी प्रदर्शन होगा जिसमें काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के 6 पोस्टरों का शामिल किया गया है।