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वाराणसी

प्रतिबंधित मांझा, बिजली का ढांचा और आवारा कुत्ते! तीन झटकों में बुझी मोर की सांसें

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वाराणसी। जिले के विकास खंड बड़ागांव के ग्राम सभा कनियर में रविवार को प्रतिबंधित चाइनीज मांझे की चपेट में आने से राष्ट्रीय पक्षी मोर की दर्दनाक मौत हो गई। घटना से क्षेत्र में शोक और गुस्से का माहौल है। सूचना पर वन विभाग ने मोर के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

ग्रामीणों के अनुसार, मोर उड़ते समय चाइनीज मांझे में उलझ गया, जिससे वह संतुलन खो बैठा और पास लगे बिजली के ट्रांसफार्मर की चपेट में आकर नीचे गिर पड़ा। गिरते ही कुत्तों के एक झुंड ने उस पर हमला कर दिया। मौके पर मौजूद गृजेश मिश्रा उर्फ गिज्जू और हितेश मिश्रा ने तत्काल पहुंचकर मोर को कुत्तों से बचाया, लेकिन तब तक वह गंभीर रूप से घायल हो चुका था।

ग्रामीणों ने मोर को गंगाजल पिलाने के बाद वन विभाग को सूचना दी, किंतु विभागीय टीम के पहुंचने से पहले ही मोर ने दम तोड़ दिया। सूचना मिलने पर वन विभाग के रेंजर पंकज कुमार सिंह, दरोगा अमित श्रीवास्तव और सिपाही सतेंद्र पाल मौके पर पहुंचे और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पोस्टमार्टम के बाद मोर का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार किया जाएगा।

घटना के बाद ग्रामीणों ने चाइनीज मांझे की बिक्री और उपयोग पर सख्ती से रोक लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि प्रतिबंध के बावजूद इस तरह का मांझा खुलेआम इस्तेमाल हो रहा है, जिससे न केवल पक्षियों बल्कि मानव जीवन को भी गंभीर खतरा बना हुआ है। ग्रामीणों ने इस घटना को चेतावनी बताते हुए पर्यावरण और जीव-जंतुओं की सुरक्षा के लिए प्रभावी कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया है।

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