Connect with us

वाराणसी

सनातन राष्ट्र रक्षक महाराजा सुहेलदेव जी भगवान शंकर जी के उपासक थे -शशिप्रताप सिंह

Published

on

10 जून वीरता विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है- शशिप्रताप सिंह,

वाराणसी | शशिप्रताप सिंह पूर्व उपाध्यक्ष भासपा अपने आवास शिवपुर पर हिन्दू राष्ट्र रक्षक महाराजा सुहेलदेव जी की फ़ोटो पर माल्यार्पण कर विजय दिवस मनाया।
कहा कि महाराजा सुहेलदेव जी ने महमूद गजनवी के भांजे और सैय्यद सालार मसऊद गाजी पर ऐतिहासिक विजय की कहानी भले ही हजार साल पुरानी हो, लेकिन 10 जून को उनकी वीरता व विजय पर एक बार फिर जीवंत हो उठती है राजा सुहेलदेव को हिन्दू राष्ट्र रक्षक, सनातन संस्कृति रक्षक के रूप में हिन्दू समाज का मान-सम्मान का प्रतीक माना जाता है।

राजा सुहेलदेव भगवान शंकर के उपासक थे उनकी हर तस्वीर में भगवान शंकर जी के शिवलिंग कि पूजा करते पाया गया हैं

70 किलो का तलवार चलाने में निपुर्ण योद्धा थे धनुष विद्या में भी निपुर्ण थे। किसान कुल में जन्मे सुहेलदेव जी अपनी पराक्रम से बहराइच श्रावस्ती के राजा बने थे।

महाराजा सुहेलदेव जी 11 वीं सदी में श्रावस्ती के सम्राट थे।

Advertisement

सुहेलदेव जी ने महमूद गजनवी के भांजे सालार मसूद को मारा थ। 10 जून 1033 को श्रावस्ती के राजा सुहेलदेव जी और सैयद सालार मसूद के बीच बहराइच के चित्तौरा झील के तट पर युद्ध हुआ था।

लड़ाई में सुहेलदेव जी की सेना ने सालार मसूद की सेना को पूरी तरह नष्ट कर दिया था।

हिन्दू समुदाय की बड़ी विरासत को संभालने वाले सुहेलदेव जी अपनी शक्ति और संगठन वल और सहज विचार भाईचारा जाति मजहब को एक करके वह राज स्थापित करने में कामयाब हो हुये थे। उनका राज्य भी कोई बहुत विशाल इलाके में नहीं था मगर सबके प्रिय थे।

Copyright © 2024 Jaidesh News. Created By Hoodaa

You cannot copy content of this page