अपराध
महाकुंभ में थी जाली नोटों को खपाने की साजिश, एटीएस की बड़ी कार्रवाई
वाराणसी। उत्तर प्रदेश एटीएस ने जाली नोट तस्करी के बड़े नेटवर्क का खुलासा करते हुए सारनाथ क्षेत्र से दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों मोहम्मद सुलेमान अंसारी और इदरीश के पास से 1.97 लाख रुपये के जाली नोट बरामद किए गए। दोनों तस्कर लंबे समय से इस अवैध धंधे में लिप्त थे और पश्चिम बंगाल के तस्कर गिरोह के संपर्क में थे।
नेपाल बॉर्डर से जाली नोट चलाने का नेटवर्क
जांच में सामने आया है कि तस्कर नेपाल बॉर्डर पर मनी एक्सचेंज एजेंट्स के माध्यम से जाली नोट चलाते थे। विशेष समुदाय से जुड़े इन एजेंट्स के जरिए विदेशियों को डॉलर और पौंड के बदले जाली नोट थमा दिए जाते थे। 100 नोटों की गड्डी में 13-15 जाली नोट मिलाए जाते थे।
आरोपी मोहम्मद सुलेमान अंसारी 2010 से जाली नोट तस्करी में सक्रिय था। वह और इदरीश पश्चिम बंगाल के मालदा निवासी जाकिर के निर्देश पर प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान जाली नोट खपाने की योजना बना रहे थे। एटीएस अब उनके संपर्क में आए अन्य 13 संदिग्धों को ट्रेस कर रही है।
तस्करों के पास से मिले जाली नोट
बिहार के वैशाली जिले के इसीयूटा थाना क्षेत्र के नारीकला निवासी मोहम्मद सुलेमान अंसारी और सदर थाना क्षेत्र के फतेहाबाद निवासी इदरीश को मंगलवार को एटीएस ने गिरफ्तार किया। दोनों के कब्जे से 1.97 लाख रुपये के जाली नोट जब्त हुए।
महाकुंभ को निशाना बनाने की साजिश
तस्करों की योजना प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले में जाली नोट खपाने की थी। पश्चिम बंगाल के जाली नोट तस्कर गिरोह के संपर्क में आकर ये दोनों यूपी में जाली नोट के प्रवाह को बढ़ाने का काम कर रहे थे। एटीएस तस्करी में शामिल अन्य लोगों के मोबाइल नंबर और नेटवर्क की गहन जांच कर रही है।
एटीएस की बड़ी कार्रवाई
एटीएस ने तस्करों के नेटवर्क को नेपाल बॉर्डर से जोड़ने वाले मनी एक्सचेंज एजेंट्स और पश्चिम बंगाल के तस्करों तक पहुंचने के लिए कार्रवाई तेज कर दी है। 13 संदिग्धों की पहचान कर उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।