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धर्म-कर्म

*58 वर्षों बाद बन रहा 6 महासंयोग गुप्त नवरात्रि 30 जून से*

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रिपोर्ट प्रदीप कुमार

वाराणसी।हमारे भारतीय सनातन शास्त्र में चार नवरात्रों का वर्णन है, हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत ही महत्व है जिसमें से दो गुप्त नवरात्रि अभी मनाई जाती हैं ।
इस बार आषाढ़ शुक्ल पक्ष प्रतिपदा
गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 30 जून को हो रही है. इस दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 26 मिनट से लेकर 06 बजकर 43 मिनट तक रहेगा. ज्योतिषाचार्य आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री के अनुसार इस बार गुप्त नवरात्रि के पहले दिन यानी 30 जून को विशेष संयोग बन रहा है. इस दिन एक साथ गुरु पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, अडाल योग और विडाल योग बन रहे हैं. साथ ही पुष्य नक्षत्र का भी निर्माण हो रहा है. एक साथ इतने शुभ मुहूर्त बनना बेहद शुभ होता है. इस शुभ मुहूर्त में यदि आप कोई भी कार्य शुरू करते हैं तो उसमें अवश्य सफलता मिलेगी.
अपनी राशि के अनुसार गुप्त नवरात्रि में मंत्रों का जाप करके सुख शांति एवं समृद्धि को प्राप्त कर सकते हैं ।

मेष राशि
मेष राशि के व्यक्ति मां भगवती के स्वरूप स्कंदमाता की पूजा करनी चाहिए। साथ ही उनको लाल फूल और दूध या दूध से बनी मिठाई अर्पित करें और दुर्गा सप्तशती या दुर्गा चालीसा का पाठ करना उत्तम रहेगा। ऐसा करने से मां की आशीर्वाद हमेशा आप पर बना रहेगा और सभी संकटों से मुक्ति भी मिलेगी।

वृषभ राशि
वृषभ राशि के व्यक्ति मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा करें और उनको सफेद चंदन, सफेद फूल और पंचमेवा अर्पित करें। मां को सफेद बर्फी और मिश्री का भोग लगाना चाहिए। साथ ही ललिता सहस्त्रनाम और सिद्धिकुंजिकास्तोत्र का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से आपकी सभी समस्याओं का अंत होगा।

मिथुन राशि
मिथुन राशि के व्यक्ति मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की फूल, केला, धूप, कपूर से पूजा करें। नवरात्र के दिनों में तारा कवच का हर रोज पाठ करें और ओम शिव शक्त्यै नम: मंत्र का 108 बार जप करें। ऐसा करने से आपकी हर मनोकामना पूरी होगी और घर में सुख-शांति का वास रहेगा।

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कर्क राशि
कर्क राशि के व्यक्ति मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा करें। साथ ही मां को बताशा, चावल और दही का अर्पण करें। नवरात्र में हर रोज लक्ष्मी सहस्त्रनाम का पाठ करें। और दूध से बनी मिठाई को भोग लगाएं। ऐसा करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है और सभी रोगों से मुक्ति मिलती है।
सिंह राशि
सिंह राशि के व्यक्ति मां दुर्गा के कूष्माण्डा देवी स्वरूप की पूजा व उपासना करें और उनको रोली, चंदन और केसर अर्पित करें व कपूर से आरती उतारें। साथ ही दुर्गा सप्तशति का पाठ हर रोज करें और मां के मंत्र की कम से कम सुबह-शाम 5 माला का जप अवश्य करें। ऐसा करने से आपको सभी क्षेत्रों में सफलतता मिलेगी।

कन्या राशि
कन्या राशि के व्यक्ति मां भवानी के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा करें और मां को फल, पान पत्ता, गंगाजल अर्पित करें। दुर्गा चालिसा का पाठ करें और हर रोज एक माला लक्ष्मी मंत्रों का जप करें। साथ ही मां को खीर का भोग लगाएं। ऐसा करने से व्यापार व नौकरी की समस्या खत्म होगी और कोष में वृद्धि होगी।

तुला राशि
तुला राशि के व्यक्ति मां भगवती के महागौरी स्वरूप की पूजा करें और उनको लाल चुनरी उठाएं और देसी घी से बनी मिठाई और मिश्री का भोग लगाएं। साथ ही कपूर व देसी घी से आरती उतारें। साथ ही नवरात्र में दुर्गा सप्तशती के प्रथम चरित्र का पाठ करें। ऐसा करने से आपकी घर-परिवार में सुख-शांति का वास होगा।

वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के व्यक्ति मां दुर्गा के मां कालरात्रि स्वरूप की पूजा करनी चाहिए। साथ ही उनको गुड़हल के फूल, गुड़ और चंदन अर्पित करें। मां कालरात्रि की सुबह-शाम कपूर से आरती उतारें और हर रोज दुर्गा सप्तमी का पाठ करें। ऐसा करने से घर की सभी नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाएगी और सकारात्मक ऊर्जा का वास होगा।

धनु राशि
धनु राशि के व्यक्ति मां भवानी के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा करनी चाहिए। मां को नवरात्र में हर रोज पीले फूल, हल्दी, केसर और तिल का तेल अर्पित करें और श्रीरामरक्षा स्तोत्र का पाठ करें। साथ ही केला व पीली मिठाई का भोग लगाएं। ऐसा करने से कारोबार की समस्या खत्म होगी और हर संकट से मुक्ति मिलेगी।

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मकर :
मकर राशि के जातकों को स्कंदमाता देवी का पूजन करना चाहिए एवं नीले पुष्प दुर्गा जी के 32 नामावली ओं का पाठ करना चाहिए

कुम्भ: कुंभ राशि के जातकों को स्कंदमाता देवी का पूजन करना चाहिए एवं नीले पुष्प दुर्गा जी के 32 नामावली ओं का पाठ करना चाहिए ।

मीन : मीन राशि जातकों को सिद्धिदात्री मां का पूजन करना चाहिए एवं पीले पुष्प पीला फल पीला मिष्ठान इत्यादि से भोग लगा कर के सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करना चाहिए

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