वाराणसी
बलुआ घाट पर तोड़े जाने लगे चेंजिंग रूम और गुंबद
रामनगर। गंगा किनारे रामनगर में निर्माणाधीन पक्के बलुआघाट पर बनाए गए गुंबदों और चेंजिग रूम को तोड़ने की प्रक्रिया रविवार से शुरू कर दी गई। हाइड्रा मशीन के जरिये पहले चेंजिग रूम के छतों को तोड़ा गया। इसके बाद दीवारों को काट-काट कर अलग किया गया। पहले से बनाए गए दोनों गोलाकार गुंबदों को हटाया गया।
10.50 करोड़ की लागत से 132 मीटर लंबे बलुआघाट को पक्का बनाने का कार्य यूपीपीसीएल की ओर से कराया जा रहा है। बीते 12 सितंबर को इस घाट पर बनाई गई बारादरी की छत गिरने से इसके नीचे बैठे चंदौली के मजदूर 57 वर्षीय मेवालाल की मौत हो गई थी। इसके बाद निर्माण की गुणवत्ता को लेकर उठे सवालों के बीच जिलाधिकारी ने समिति गठित कर जांच करवाई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद इस मामले का संज्ञान लिया था। ठेकेदार ओम प्रकाश पांडेय के खिलाफ रामनगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई। इसके बाद कुछ अफसरों का निलंबन हुआ तो कुछ को यहां से हटाकर दूसरे जगह संबद्ध कर दिया गया। घाट निर्माण में लगी सामग्री की गुणवत्ता जांच के लिए एकत्र किए गए सैम्पल आईआईटी बीएचयू भेजे गए जिसकी रिपोर्ट अभी आनी बाकी है।
घाट पर दो गोल आकार के गुंबद, दो चेंजिग रूम तथा एक पालकी निर्मित की गई थी। इन सभी के निर्माण में तकनीकी कमियों को समिति ने उजागर किया था। इसके बाद दोनों गोलाकार गुंबदों, पालकी को पहले लाल फीते से बाद में बांस बल्लियों से घेर दिया गया ताकि फिर कोई हादसा न हो। सभी स्ट्रकचरों की जांच के बाद पुनः निर्माण कराए जाने की बात कही गई।