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डेंगू का कहर जारी, दो लोगों की मौत, 650 मामले दर्ज

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दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, दुनिया की लगभग आधी आबादी अब डेंगू के खतरे में है और हर साल लगभग दस से 40 करोड़ लोग डेंगू से संक्रमित होते हैं। वहीं भारत की बात करें तो यहां मॉनसून का दौर जारी है। देश के अधिकतर हिस्सों में हो रही बारिश की वजह से डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है।

वैसे तो दक्षिण राज्यों में डेंगू के मामले का दबाव ज्यादा रहता है लेकिन फिलहाल देश की राजधानी दिल्ली में डेंगू के प्रकोप से चिंताएं बढ़ गई हैं क्योंकि यहां डेंगू से दो लोगों की मौत हो चुकी है। चिंता की बात इसलिए भी क्योंकि स्वास्थ्य देखभाल और सैनिटेशन में तरक्की के बावजूद राजधानी दिल्ली वेक्टर जनित बीमारियों का सेंटर बनी हुई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले दस वर्षों में ही, शहर में डेंगू के तीन सबसे बड़े आउटब्रेक हुए। सबसे पहला तो 2015 जब डेंगू दिल्ली पर कहर बन कर टूटी थी। तो वहीं दूसरा बुरा साल 2021 रहा फिर दो साल बाद 2023 में डेंगू का प्रकोप तीसरा सबसे बुरा साल बना दिल्ली के लिए। उस वक्त दिल्ली में जी 20 सम्मेलन भी हो रहा था। दिल्ली में डेंगू को कंट्रोल करने के सिविक एजेंसियों के तमाम दावे हर साल इस तरह की खबरों से खारिज होते रहते हैं।

राजधानी दिल्ली में डेंगू हर साल की सबसे बड़ी समस्या है। विशेषज्ञों की मानें तो दिल्ली में डेंगू के बड़े स्तर पर फैलने में कई चीजें योगदान देती हैं। सबसे पहले तो दिल्ली का मौसम, खासकर मौसम जिसमें बारिश भी ज्यादा होती है उमस भी उतनी ही डेंगू के फैलाव के तीन बड़े कारण होते हैं। इसमें उतार चढ़ाव ही तय करता है कि डेंगू किस तीव्रता से अपने पैर पसारेगा और दिल्ली का मौसम एडीज मच्छर के पनपने के लिए इन तीन जरूरतों को पूरा करता है।

मॉनसून सीजन जुलाई से सितंबर तक एक्टिव रहता है और यहां जुलाई के अंत में या अगस्त के शुरू में डेंगू का सीजन माना जाता है। बारिश की वजह से ही हर साल इन महीनों में जगह-जगह पानी जमा हो जाता है और डेंगू एक ऐसी बीमारी है जो रुक-रुकर उभरती रहती है। यह जिन मच्छरों से फैलता है उनके अंडे सूखी जमीन पर भी लंबे समय तक जीवित रहते हैं।

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हालांकि ये इकट्ठा हुए पानी में ही ज्यादा पनपते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि आने वाले दिनों में बारिश की वजह से ही डेंगू के मामले तेज़ी से बढ़ेंगे। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मलेरिया रिसर्च के मुताबिक साफ सफाई को लेकर अपर्याप्त तैयारी इस समस्या को बढाने के लिए ज्यादा जिम्मेदार है।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज की स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बैठकें भी चल रही हैं और इस बीमारी की रोकथाम के लिए उपाय करने के साथ-साथ इन सवालों के जवाब तलाशने की भी कोशिश का जा रही है कि आखिर ये नौबत ही क्यों आई।

इस साल की बात करें तो 2024 में राजधानी दिल्ली में अब तक 650 डेंगू केसेस रिपोर्ट हो चुके हैं. हालाँकि, 2023 में, एमसीडी ने 7 अगस्त को वेक्टर-जनित बीमारियों पर सार्वजनिक रूप से डेटा जारी करना बंद कर दिया. जिसकी वजह से डेंगू की गंभीरता का पता लगा पाना मुश्किल हो रहा है.

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