मिर्ज़ापुर
सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज और पेंशन योजना से कुष्ठ रोगियों को राहत
30 जनवरी से 13 फरवरी तक चलेगा कुष्ठ रोग जागरूकता अभियान
मिर्जापुर, जनपद में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर कुष्ठ रोग पखवाड़ा शुरू किया जाएगा, जो 30 जनवरी से 13 फरवरी तक चलेगा। इस अभियान के दौरान कुष्ठ रोग विभाग की टीम संभावित रोगियों की पहचान करेगी और लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक बनाएगी। गुरुवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में शपथ ग्रहण के साथ अभियान की शुरुआत की गई, जिसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. छोटे लाल वर्मा ने दी।
जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. लाल जी गौतम के अनुसार, जिले में कुष्ठ रोगियों को खोजने का अभियान निर्धारित अवधि तक चलेगा। इस दौरान मरीजों का इलाज मंडलीय चिकित्सालय, जनपद के 19 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, 55 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और 326 हेल्थ सब-सेंटरों पर निःशुल्क किया जाएगा। अभियान में आशा कार्यकर्ता और एएनएम घर-घर जाकर संभावित रोगियों की पहचान करने का कार्य करेंगी।
वर्ष 2023 में विभाग द्वारा 76 मरीजों की पहचान की गई थी, जिनका सफलतापूर्वक इलाज किया गया। विकलांगता की स्थिति में 21 मरीजों को विकलांग प्रमाण पत्र जारी किए गए, जबकि 292 अन्य लोगों को भी प्रमाण पत्र दिए गए। 61 मरीजों को सेल्फ-केयर किट प्रदान की गई।
महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में जिले के विभिन्न स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम और रैलियों का आयोजन किया जाएगा। इन कार्यक्रमों में लोग खादी की धोती और गोल फ्रेम का चश्मा धारण कर महात्मा गांधी के कुष्ठ रोग उन्मूलन में दिए गए योगदान को विस्तारपूर्वक प्रस्तुत करेंगे।
जिला कुष्ठ अधिकारी ने बताया कि कुष्ठ रोग के प्रारंभिक लक्षणों में शरीर की चमड़ी पर हल्के पीले या तांबे के रंग के सुन्न धब्बे बनना शामिल है, जिनमें संवेदना नहीं होती। यदि समय पर इलाज न किया जाए तो यह समस्या गंभीर हो सकती है और अंगों में विकृति आ सकती है। हालांकि, यह रोग पूरी तरह से इलाज योग्य है और सभी सरकारी अस्पतालों में इसकी दवाएं निःशुल्क उपलब्ध हैं। गंभीर मामलों में ऑपरेशन द्वारा विकृत अंगों को ठीक किया जा सकता है, और विकलांग रोगियों को प्रमाण पत्र जारी कर सरकार द्वारा ₹3000 मासिक पेंशन भी प्रदान की जाती है।
कुष्ठ रोग परामर्शदाता सुशील त्रिपाठी के अनुसार, यह रोग माइक्रो बैक्टीरिया लेप्रे नामक जीवाणु के कारण होता है। यह रोग मुख्य रूप से प्रभावित व्यक्ति के संपर्क में रहने से फैलता है। इसके लक्षणों में चमड़ी पर हल्के रंग के दाग, प्रभावित स्थान पर सुन्नपन, नसों में मोटापन, हाथ-पैर में झनझनाहट, उंगलियों का टेढ़ा होना और अंगों की कार्यक्षमता में कमी आना शामिल है।
कुष्ठ रोग से डरने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह पूरी तरह से इलाज योग्य है। एमडीटी (मल्टी ड्रग थेरेपी) दवाओं के सेवन से रोगी पूरी तरह स्वस्थ हो सकता है। यदि किसी को कुष्ठ रोग की शंका हो, तो उन्हें तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवानी चाहिए, जहां मुफ्त में इलाज की सुविधा उपलब्ध है।