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पूर्वांचल

भारत सरकार के स्वास्थ्य मानकों पर खरा बड़ागांव पीएचसी को मिला एनक्वास सर्टिफिकेशन

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         वाराणसी। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार सुधार हो रहा है। इसका सुखद परिणाम यह है कि जनपद के ब्लॉक बड़ागांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) भारत सरकार की ओर से प्रमाणित नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंर्ड (एनक्वास) के मानकों पर खरा उतरा है। 85.01 प्रतिशत अंक अर्जित करके बड़ागांव पीएचसी जनपद का पहला पीएचसी बन गया है, जो मरीजों की सेवा, सुविधा और रखरखाव में उच्च स्तरीय साबित हुआ है। इस कार्य के लिए जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने पीएचसी बड़ागांव के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी व समस्त स्टाफ सहित स्वास्थ्य विभाग की प्रशंसा की। इस उपलब्धि पर स्वास्थ्य विभाग में जमकर जश्न मना। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, वाराणसी मण्डल के अपर निदेशक डॉ शशिकांत उपाध्याय ने स्टाफ को मिठाई खिलाकर इस उपलब्धि पर बधाई दी। इसके साथ ही बड़ागांव पीएचसी में उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं  बरकरार रखने की अपील की।

      डॉ शशिकांत उपाध्याय ने कहा कि पूर्व में लोगों में सरकारी अस्पताल के नाम से अपना रुख बदल देते थे लेकिन अब पीएचसी स्तर पर बेहतर चिकित्सीय व स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध होने के कारण लोगों का विश्वास काफी हद तक बढ़ा है तथा उनके द्वारा किए जा रहे चिकित्सीय खर्च में बहुत हद तक कमी आई है। पीएचसी स्तर पर बड़ागांव पीएचसी में सभी आधुनिक चिकित्सीय व स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध हैं। उन्होने कहा कि जिन मानकों के आधार पर बड़ागांव पीएचसी का एनक्वास सर्टिफिकेशन हुआ है, उन सभी मानकों पर और भी बेहतर किया जाएगा।  

      मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राहुल सिंह ने कहा कि यह जनपद वाराणसी के लिए एक गौरव का विषय है कि हमारी टीम के द्वारा चिकित्सीय व स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार अथक प्रयास  के बाद भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के आधार पर एनक्वास सर्टिफाईड प्राप्त करने का गौरव प्राप्त हुआ। जिसके लिए समस्त टीम बधाई के पात्र हैं।   

         गौरतलब एनक्वास भारत सरकार की संस्था है, जो सरकारी अस्पतालों को उनकी सेवाओं के लिए मानक निर्धारित करती है। यहां मुख्य रूप से अस्पताल के अंदर काम करने वाले विभागों का रख-रखाव, कामकाज का तरीका, सेवा प्रावधान, रोगी अधिकार, इनपुट, सहायता सेवाएं, नैदानिक देखभाल, संक्रमण नियंत्रण, गुणवत्ता प्रबंधन और परिणाम को देखा और परखा जाता है, उसी के आधार पर अंक दिए जाते हैं। निर्धारित 100 फीसदी में से कम से कम 70 प्रतिशत तक अंक प्राप्त करने वाले अस्पतालों को एनक्वास से सर्टिफिकेट मिलता है, जो इस बात का प्रमाण होता है कि अमुक अस्पताल की सेवाएं भारत सरकार के निर्धारित मापदंड के अनुरूप संचालित हैं।

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