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चन्दौली

“सैम्पलिंग के नाम पर बंद हो व्यापारियों का शोषण” : जिलाध्यक्ष

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चंदौली (जयदेश)। जिलाधिकारी निखिल टी. फुंडे के निर्देश पर जनपद में त्यौहारी सीजन में खाद्य एवं औषधी प्रशासन द्वारा विभिन्न दुकानों पर अभियान चलाकर नमूना संग्रहित किया जाता है। तत्पश्चात उक्त संग्रहित सैम्पल को जांच के लिए लखनऊ लैब में भेजा जाता है। सैम्पल को लखनऊ भेजने में लगभग दो से तीन माह का समय व्यतीत हो जाता है। जबकि उक्त सैम्पल में खोवा, पनीर, छेना, किराना का सामान, बेकरी की सामग्री आदि कच्चा माल होता है। जिसकी जांच में दो से तीन माह का समय लगता है।

ऐसे में उक्त सैम्पल के खराब होने की पूरी संभावना बनी रहती है। जांच के बाद ज्यादतर सैम्पल लखनऊ लैब से फेल कर दिया जाता है। इससे व्यापारियों का बे वजह शोषण किया जाता है। इससे जनपद के व्यापारियोें में रोष व्याप्त है।

जिलाध्यक्ष लक्ष्मीकांत अग्रहरि ने कहा कि सैम्पलिंग के नाम पर व्यापारियों का शोषण बंद किया जाना जरूरी है। क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था के सुचारू रूप से संचालन में व्यापारियों का अहम योगदान है। कहा कि अधिकांश सैम्पलिंग विभाग के अधिकारी जनपद के छोटे-मझोल व्यापारियों का सैम्पल भरकर उन्हे परेशान करते है। इससे उक्त व्यापारी मानसिक रूप से पीड़ित रहता है। जबकि उक्त व्यापारी द्वारा कम्पनियों से सामान की खरीद की जाती है।

उन्होंने कहा कि यदि जांच व सैम्पल भरना है तो कम्पनियों का भरा जाए। ताकि छोटे व्यापारी परेशानी बचे रहे। उन्होंने जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए सैम्पलिंग के नाम पर हो रहे शोषण को बंद करने की मांग की हैै।

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