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वाराणसी

सी बी आर एन आपदा पर एनडीआरएफ की टीम ने “गेल” वाराणसी के साथ किया संयुक्त मॉक अभ्यास

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रिपोर्ट – मनोकामना सिंह

वाराणसी| आपदा जोखिम नियुनीकरण हेतु उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के हितधारकों के साथ कमान्डेंट मनोज कुमार शर्मा के कुशल दिशा-निर्देशन में 11 एनडीआरएफ वाराणसी की टीमें विभिन्न एजेंसियों के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए संयुक्त मॉक अभ्यास का आयोजन कर रही हैं, उसी कड़ी में मंगलवार को सहायक कमान्डेंट स्वराज कमल की अगुवाई में 11 एनडीआरएफ वाराणसी की टीम ने विभिन्न एजेंसियों से सामंजस्य स्थापित करते हुए, “गेल” वाराणसी, उत्तर प्रदेश के साथ CBRN (केमिकल, बायोलोजिकल, रेडिओलोजिकल और न्यूक्लियर) आपदा पर संयुक्त माँक अभ्यास किया।
मॉक अभ्यास के परिदृश्य मे कुछ पर्यटक सीएनजी की शक्ति से चलने वाली नाव पर गंगा नदी में नौका विहार कर रहे थे, कुछ देर बाद नाव में लगे एक सिलिंडर का नोजल फट गया और सीएनजी का भारी रिसाव शुरू होने लगा, जिसमे कुल चार में से दो यात्री नाविक के साथ पानी में कूद गए, जबकि उनमें से दो सीएनजी के प्रभाव से नाव में ही बेहोश हो गए।
प्रभावित पीड़ितों को निकालने हेतु तथा विशेष प्रतिक्रिया के लिए एनडीआरएफ टीम को बुलाया गया। 11 एनडीआरएफ के नियंत्रण कक्ष में सूचना मिलने के तुरंत बाद, दशाश्वमेध घाट पर पहले से तैनात एनडीआरएफ टीम को बचाव नौकाओं, आवश्यक उपकरणों एवं वाटर एम्बुलेंस के साथ घटना स्थल पर जाने के लिए निर्देशित किया गया साथ ही 11 एनडीआरएफ वाहिनीं मुख्यालय से एक अतिरीक्त टीम को घटना स्थल के लिए रवाना कर दिया गया।
घटना स्थल पर पहुंचते ही एनडीआरएफ टीम ने स्थिति का जायजा लिया और पता चला कि नाव से कूदने वाले दोनो यात्रियों को स्थानीय नाविकों की मदद से बाहर निकाला जा चुका है लेकिन 02 पर्यटक अभी भी नाव में बेहोश पड़े हुए हैं। स्थिति की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए और गेल अधिकारियों से तकनीकी पहलुओं पर चर्चा करने के बाद, नमो घाट, फिलिंग स्टेशन (गेल) की क्यूआरटी टीम सीएनजी नाव को सुरक्षित स्थान पर अलग करने में कामयाब रही। तत्पश्चात एनडीआरएफ की एक सीबीआरएन टीम ने सभी एहतियाती और आवश्यक उपकरणों के साथ सीएनजी नाव से संपर्क किया और बेहोश पीड़ितों को एनडीआरएफ की वाटर एम्बुलेंस में स्थानांतरित कर आवश्यक प्राथमिक उपचार वाटर एम्बुलेंस में ही दिया गया एवं आगे के इलाज के लिए पहले से तैयार स्वास्थ्य विभाग की रोड एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया। जिस नाव में रिसाव हुआ था, उसे गेल टीम के द्वारा सिलेंडर की मरम्मत के लिए सुरक्षित स्थान पर खींच लिया गया।
इस मॉक अभ्यास का मुख्य उद्देश्य किसी भी केमिकल, बायोलोजिकल, रेडियोलॉजिकल एवं न्यूक्लियर आपदा के दौरान प्रभावित हुए व्यक्तियों के अमूल्य जीवन की रक्षा करना, सभी रेस्पोंस एजेंसियों का रेस्पोंस चेक करना व सभी हित धारकों के बीच आपसी समन्वय स्थापित करना तथा खोज, राहत व बचाव कार्य के संचालन में आने वाली कमियों की समीक्षा कर उन्हें दूर करना भी है। इस मॉक अभ्यास में गेल वाराणसी टीम, जिला प्रशासन, स्वास्थय विभाग, स्थानीय पुलिस, मीडियाकर्मियों व अन्य हितधारकों ने भाग लिया।

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