वाराणसी
कैंट स्टेशन अग्निकांड : फायर ब्रिगेड की जांच शुरू
वाराणसी। कैंट स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक से सटी वाहन पार्किंग में आग लगने की घटना के बाद फायर ब्रिगेड ने रेलवे स्टेशनों की पार्किंग व्यवस्थाओं की जांच शुरू कर दी है।
फायर नियमों की अनदेखी करते हुए यहां पार्किंग बनाई गई थी। घटना के बाद फायर ब्रिगेड ने जिलाधिकारी स्टेशन निदेशक और महाप्रबंधक को पत्र भेजकर अग्निशमन सुरक्षा को मजबूत करने की सिफारिश की है।
अग्निशमन अधिकारियों के अनुसार कैंट स्टेशन की वाहन पार्किंग मर्केंटाइल श्रेणी में आती है जहां ज्वलनशील सामग्री वाले वाहन खड़े रहते हैं। इस प्रकार के स्थानों पर 20 हजार लीटर का टेरेस टैंक 100 एलपीएम क्षमता का पंप और हर 15 मीटर पर हाइड्रेंट और होजरील होना अनिवार्य है।
साथ ही आग बुझाने वाले यंत्र (फायर एक्सटिंग्विशर) आईएस 2190 मानक के अनुसार लगाए जाने चाहिए। फायर ब्रिगेड ने स्पष्ट किया है कि सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करने के बाद ही अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के लिए आवेदन किया जा सकता है।
निरीक्षण के बाद एनओसी जारी की जाती है। इस संबंध में जिलाधिकारी और स्टेशन निदेशक को पत्र भी भेजा गया है।डीसीपी काशी गौरव बंशवाल और सिगरा पुलिस ने सोमवार शाम पार्किंग स्थल का निरीक्षण किया।
वहीं यार्ड में रेल इंजनों के दरवाजे खुले छोड़ देने की शिकायतें भी सामने आईं। यह लापरवाही कभी बड़ी घटना का कारण बन सकती है।बनारस स्टेशन के वाहन पार्किंग स्थलों पर आग से बचाव के उपकरण नदारद हैं।
दोपहिया और चारपहिया वाहनों के लिए कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं हैं। स्टेशन परिसर और पार्सल क्षेत्र में भी आग सुरक्षा की ठोस व्यवस्था का अभाव है।
रेलवे बोर्ड के प्रमुख कार्यकारी निदेशक (संरक्षा) संजय मिश्रा ने कैंट स्टेशन का निरीक्षण करते हुए ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के निर्देश दिए हैं। अब देखना होगा कि रेलवे और संबंधित विभाग इस दिशा में क्या ठोस कदम उठाते हैं।