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वाराणसी

ज्ञानवापी मामला : अखिलेश-ओवैसी की बयानबाजी पर फैसला टला, अगली सुनवाई आज

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हिंदुओं की भावनाएं आहत करने का आरोप

वाराणसी। ज्ञानवापी मामले में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी पर एफआईआर दर्ज करने की याचिका पर सोमवार को फैसला टल गया। वकील की आपत्ति के बाद वाराणसी अपर जिला जज (नवम) विनोद कुमार सिंह की कोर्ट ने 3 सितंबर की डेट दी है।

पिछली तारीख पर सुनवाई पूरी होने के बाद जज ने फैसला सुरक्षित रखा है। सोमवार को दोनों पक्षों के वकील कोर्ट में पेश हुए। हालांकि अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी अभी तक कोर्ट में हाजिर नहीं हुए, लेकिन उनका जवाब दाखिल है। अखिलेश यादव की ओर से उनके वकील अनुज यादव और ओवैसी के वकील श्रीनाथ त्रिपाठी ने मामले को राजनीति से प्रेरित बताया है। दोनों नेताओं के वकीलों ने कोर्ट के सामने कहा था कि, अखिलेश और ओवैसी के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। इस मुद्दे को धार्मिक रूप देकर केस दर्ज कराने की कवायद की जा रही है। सारे आरोप बेबुनियाद हैं।

अखिलेश यादव और ओवैसी ने क्या दिया था बयान ?

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पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने ज्ञानवापी मामले में कहा था, पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर रख कर झंडा लगा दो, तो वहीं भगवान और शिवलिंग हैं।

जबकि इस मामले में असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि, हम अब किसी और मस्जिद को खोने नहीं देंगे। ज्ञानवापी पर आया फैसला पूजा स्थल अधिनियम 1991 के खिलाफ है। ये भविष्य में ऐसे बहुत से मसलों को खोल देगा, जिससे देश में अस्थिरता पैदा हो सकती है।

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