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धर्म-कर्म

देवव्रत के सितार से निकली राग दुर्गा, नवरात्रि महोत्सव में बनारस संगीत घराने के कलाकारों ने दी प्रस्तुति

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वाराणसी। सात वार नौ त्यौहार का शहर बनारस सदैव अपने मस्ती एवं आध्यात्मिक विरासत को संजोये रहता है। इसी आध्यात्म को सांस्कृतिक भक्ति के माध्यम से जनमानस तक पहुंचाने का कार्य उत्तर प्रदेश सरकार के संस्कृति, पर्यटन व धर्मार्थ कार्य विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ नीलकंठ तिवारी ने बनारस के मुक्तकाशीय मंच डॉ राजेन्द्र प्रसाद घाट पर प्रथम बार नौ दिवसीय नवरात्रि महोत्सव का वृहद रूप से आयोजन करके किया है। काशी के लगभग सभी संगीत घराने से कलाकार साथ ही कई युवा कलाकार भी हैं, जिन्हें अपनी संगीतमयी प्रस्तुति देवी को इस मंच के माध्यम से समर्पित करने का अवसर प्राप्त हो रहा है। अब लगभग प्रतिदिन यहां श्रोताओं एवं भक्तों की भीड़ बढ़ती जा रही है। कई ऐसे भी श्रोता हैं जो कार्यक्रम शुरू होने के पहले रोज की भांति अपना स्थान आकर आरक्षित कर ले रहे हैं।

नवरात्रि महोत्सव के चतुर्थ दिवस के प्रथम अभिनंदन सत्र के शुभारम्भ पूर्व में पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा, पूर्व एमएलसी वीणा पांडेय, अरुणा मजूमदार, डॉ.पूनम राय, दीपाली अग्रवाल, आश्रय सेवा संस्था के डॉ वीरेंद्र प्रताप सिंह एवं दीपक मिश्रा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके पश्चात विभिन्न क्षेत्रों के महिला व पुरुष गणमान्य अतिथियों का अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।

द्वितीय सांस्कृतिक सत्र में सर्वप्रथम पंडित सुखदेव मिश्र ने तबले के थाप के साथ अपने वायलिन से सुमधुर स्वर निकालकर देवी को समर्पित किया। महिला गायक डॉ मधुमिता भट्टाचार्य ने देवी दुर्गे दया करो एवं द्रुत ख्याल तीन ताल में अम्बे दुर्गे दयानिधे तथा इसके बाद दादरा में श्याम तोहे नजरिया लग जायेगी गाया। माहौल तब जम गया जब एक ऐसे सितार वादक जिनके वादन कला के प्रेमी देश ही नहीं अपितु विदेशों में भी हैं ऐसे युवा कलाकार पंडित देवव्रत मिश्र ने तीन ताल की बन्दिश में राग दुर्गा बजाकर आत्मविभोर कर दिया। इन्होंने वादन में ठहराव के साथ-साथ जय-जय भवानी दुर्गे रानी..की अद्भुत प्रस्तुति दिया। जिससे मानो लगता था कि देवी का साक्षात स्वरूप प्रकट हो रहा हो। इनके बाद गायक पण्डित गणेश प्रसाद मिश्र ने भजन प्रस्तुत किया। अंतिम बेला में गौरव एवं सौरव मिश्र की जुगल जोड़ी ने इस ऐतिहासिक मंच पर कथक प्रस्तुत कर दर्शकों को अपने स्थान पर अंत तक जमाए रखा जिसके समापन पर पूरा माहौल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

कार्यक्रम का संयोजन प्रमोद कुमार मिश्र ने व संचालन शिखा पाठक ने किया। धन्यवाद ज्ञापन क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी कीर्तिमान श्रीवास्तव ने दिया। आज प्रमुख रूप से उपस्थित लोगों में मंजू मिश्रा,पवन शुक्ला,आत्मा विश्वेश्वर,नलिन नयन मिश्र,गोपाल जी गुप्ता, संदीप चौरसिया,कृष्ण मोहन पांडेय,विनय तिवारी,मनोज सिंह काका आदि थे।

इस अवसर पर मंत्री डॉक्टर नीलकंठ तिवारी ने दीप्ति अग्रवाल, वीणा पांडेय, डॉ अरुणा मजूमदार, मोहिता केसरी, अर्चना पांडेय, शकुन दिक्षित, डॉ पूनम राय, डॉ अमृता राय, गौरी पांडेय, प्रतिभा सिंह, वंदना रघुवंशी, नीना अवस्थी, वंदना जायसवाल, प्रज्ञा पांडेय, डॉ प्रदीप कुमार राय, डॉ एम जी राय, डॉ पवन जिंदल, राजनीति प्रसाद, अवधेश पांडेय, संतोष सिंह, सतनारायण द्विवेदी, भूपेंद्र प्रताप सिंह रिंटू, रत्नाकर त्रिपाठी, विशाल औढ़ेकर, विनोद उपाध्याय, दिलीप सिंह बंटी, भूपेश जैन, जितेंद्र सोनी, विजय कुमार चतुर्वेदी को सम्मानित किया।

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