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गाजीपुर

जमानियां में अधर में लटका जच्चा-बच्चा केंद्र, शासन की दूसरी किस्त रुकी, सेवायें प्रभावित

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गाजीपुर (जयदेश)। रेवतीपुर ब्लॉक के सुहवल गांव में 30 लाख रुपये की लागत से बन रहा परिवार कल्याण उपकेंद्र (जच्चा-बच्चा केंद्र) पिछले छह महीनों से अधर में लटका हुआ है। इसका निर्माण शासन द्वारा दूसरी किस्त जारी न किए जाने के कारण ठप पड़ा है। इस देरी से ग्रामीणों को आवश्यक चिकित्सा सेवाओं के लिए अन्य स्वास्थ्य केंद्रों का सहारा लेना पड़ रहा है।

ग्रामीण इलाकों में महिलाओं और बच्चों को बेहतर और समय पर चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से इस केंद्र का निर्माण शुरू हुआ था। लेकिन अब स्थिति यह है कि इलाज, टीकाकरण और अन्य सेवाओं के लिए ग्रामीणों को निजी अस्पतालों या जिला मुख्यालय जाना पड़ता है, जिससे समय और पैसे दोनों की बर्बादी हो रही है।

स्वास्थ्य विभाग ने सुहवल गांव के पुराने और जर्जर स्वास्थ्य उपकेंद्र की जगह नया भवन बनाने का प्रस्ताव तीन साल पहले शासन को भेजा था। 2021 की शुरुआत में टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद निर्माण कार्य शुरू किया गया। लेकिन बीते छह महीनों से निर्माण कार्य बंद पड़ा है, क्योंकि शासन से दूसरी किस्त अब तक जारी नहीं हुई है।

अगर यह भवन समय पर तैयार हो जाता तो ग्रामीणों को इलाज के लिए दूर नहीं जाना पड़ता। जच्चा-बच्चा केंद्र में सुविधाएं चालू होने से गर्भवती महिलाओं और बच्चों को स्थानीय स्तर पर टीकाकरण और उपचार मिल सकता था। फिलहाल, इस अधूरी परियोजना के कारण ग्रामीणों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

गाजीपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. सुनील पांडेय ने बताया कि निर्माण कार्य में देरी का मुख्य कारण दूसरी किस्त का जारी न होना है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जैसे ही बजट उपलब्ध होगा, निर्माण कार्य तेजी से पूरा कर केंद्र को चिकित्सकीय सुविधाओं से लैस कर चालू कर दिया जाएगा।

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