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गाजीपुर

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने वाली पाताल गंगा मंडी बुनियादी सुविधाओं से वंचित

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यहां से सब्जियों का निर्यात सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन, बांग्लादेश और नेपाल जैसे देशों में किया जाता है

गाजीपुर। जिले के भांवरकोल विकासखंड के बढ़नपुरा स्थित पाताल गंगा सब्जी मंडी पिछले 15 वर्षों से पूर्वांचल की प्रमुख सब्जी मंडियों में गिनी जाती है। अब यह मंडी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना चुकी है। यहां से सब्जियों का निर्यात सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन, बांग्लादेश और नेपाल जैसे देशों में किया जा रहा है।

पाताल गंगा सब्जी मंडी में भांवरकोल क्षेत्र और बलिया जिले के लक्ष्मणपुर तक के किसान प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से लेकर रात 8-9 बजे तक अपनी सब्जियां बेचने आते हैं। यहां टमाटर, मिर्च, और मटर जैसी सब्जियों का बड़ा व्यापार होता है। इन सब्जियों को खरीदने के लिए न केवल पूर्वांचल के थोक व्यापारी बल्कि कोलकाता, पटना, लखनऊ और सुल्तानपुर जैसे बड़े शहरों से व्यापारी आते हैं।

बढ़ रहा राजस्व, सुविधाओं का अभाव
पाताल गंगा सब्जी मंडी से प्रतिदिन यूसुफपुर स्थित मंडी समिति को डेढ़ से तीन लाख रुपये तक का कमीशन मिलता है। इसके बावजूद मंडी में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। मंडी में पानी, बिजली, साफ-सफाई, और शौचालय जैसी सुविधाएं अभी तक उपलब्ध नहीं हैं। मंडी समिति यूसुफपुर मुहम्मदाबाद के सचिव राजेश यादव ने बताया कि मंडी अस्थायी है, इसलिए इन सुविधाओं का अभाव बना हुआ है।

ठंड बढ़ने से किसान और व्यापारी परेशान
पश्चिमी हवाओं के चलते क्षेत्र में ठंड काफी बढ़ गई है। किसान, व्यापारी और आढ़तियों को ठंड का सामना करना पड़ रहा है। किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि मंडी में जल्द से जल्द अलाव की व्यवस्था की जाए ताकि ठंड से राहत मिल सके।

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शेख अब्दुल्ला, दिनेश राय, रमेश कुशवाहा, रमापति कुशवाहा, जावेद खान, दूधनाथ कुशवाहा, नंदलाल राजभर, जयप्रकाश और लोरिक यादव समेत कई किसानों ने ठंड के मद्देनजर प्रशासन से अविलंब राहत कार्य की अपील की है।

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