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नागपुर हिंसा : मास्टरमाइंड फहीम शमीम के कहने पर भीड़ ने किया पुलिस पर हमला!

महिला पुलिसकर्मियों से दुर्व्यवहार
नागपुर में हुई हिंसा के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) के शहर अध्यक्ष फहीम शमीम खान को इस हिंसा का मास्टरमाइंड बताया गया है। गणेशपेठ पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR नंबर 114/25 के अनुसार, फहीम शमीम ने 50 से 60 लोगों को इकट्ठा कर अवैध रूप से पुलिस स्टेशन का घेराव किया और हिंसा भड़काई।
विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल ने गांधी गेट के पास छत्रपति शिवाजी महाराज के पुतले के सामने औरंगज़ेब की कब्र के विरोध में प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने औरंगज़ेब का प्रतीकात्मक पुतला जलाया। इस प्रदर्शन के विरोध में फहीम शमीम की अध्यक्षता में भीड़ ने एकत्र होकर प्रदर्शन किया।
औरंगज़ेब के विरोध में प्रदर्शन करने वाले नौ लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 37(1), 37(3) और 135 के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने भीड़ को शांत रहने की चेतावनी दी, लेकिन स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।
शाम 4 बजे फहीम शमीम के नेतृत्व में 400 से 500 लोगों की भीड़ ने छत्रपति शिवाजी महाराज के पुतले के पास इकट्ठा होकर दंगा भड़काने का प्रयास किया। पुलिस द्वारा भीड़ को हटने की चेतावनी देने के बावजूद, उपद्रवियों ने कुल्हाड़ी, लाठियां, पत्थर और अन्य घातक हथियार लहराकर क्षेत्र में दहशत फैलाई।

भीड़ ने भालदारपुरा चौक में पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला किया और पेट्रोल बम फेंके। आरोप है कि उपद्रवियों ने पुलिस पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाकर हिंसा को उकसाया। इस हमले में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
हिंसा के दौरान अंधेरे का फायदा उठाकर कुछ उपद्रवियों ने महिला पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया। एक महिला कांस्टेबल से अश्लील हरकत की गई, जबकि अन्य महिला कर्मियों के साथ यौन दुर्व्यवहार और भद्दे इशारे किए गए।
हिंसा के बाद नागपुर के संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। पुलिस ने रूट मार्च निकालकर स्थिति पर काबू पाने की कोशिश की। मामले की जांच जारी है और दोषियों पर जल्द ही कड़ी कार्रवाई की जाएगी।