वाराणसी
लीवर बीमारियों का समय पर उपचार बेहद जरूरी

चार दिवसीय संगोष्ठी में चिकित्सा विशेषज्ञों का मंथन
वाराणसी। लीवर संबंधी बीमारियों की रोकथाम और उपचार के लिए समय पर पहचान और नई तकनीकों का उपयोग बेहद आवश्यक है। यह बात इंडियन सोसाइटी ऑफ गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी की चार दिवसीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में विशेषज्ञों ने कही। बुधवार को बड़ालालपुर स्थित दीनदयाल हस्तकला संकुल में शुरू हुई इस संगोष्ठी में देश-विदेश के जाने-माने चिकित्सकों ने लीवर से जुड़ी बीमारियों के कारणों और आधुनिक उपचार पद्धतियों पर चर्चा की।
जीवनशैली में बदलाव और शराब से बचाव जरूरी
वक्ताओं ने कहा कि अनियमित जीवनशैली और शराब के सेवन के कारण लीवर रोगों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर बीमारी की पहचान और उचित उपचार से गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है।
नई तकनीकों से इलाज में प्रगति
कार्यक्रम में वर्ल्ड गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष डॉ. जाफरी मेट्ज ने बदलती चिकित्सा तकनीकों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “चिकित्सा पद्धतियों में तेजी से बदलाव हो रहा है। डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों को इन नई तकनीकों के बारे में जागरूक होना चाहिए।”
प्रमुख विषयों पर किया गया मंथन
संगोष्ठी में लीवर कैंसर, गट माइक्रोबायोम, आंतों की सूजन, पेनक्रियाज की समस्याएं और छल्ले की बीमारी जैसे विषयों पर गहराई से चर्चा की गई। इसके साथ ही, गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी से जुड़ी नई खोजों और उपचार विधियों पर भी विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।
विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि लीवर की बीमारियों से बचाव के लिए जनजागरूकता और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बेहद जरूरी है। साथ ही, चिकित्सकों को नई तकनीकों से अपडेट रहकर मरीजों के लिए बेहतर उपचार सुनिश्चित करना चाहिए।