वाराणसी
युवा कवि अरशान अज़ीज़ को हिन्दी कविता लेखन के लिए किया गया सम्मानित

वाराणसी। डॉ. विद्यानिवास मिश्रा की जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले युवा कवि अरशान अज़ीज़ को सम्मानित किया गया। यह सम्मान वाराणसी के धर्म संघ में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी और भारतीय लेखक सिविल कार्यक्रम के दौरान प्रदान किया गया।
अरशान अज़ीज़, जो मुग़ल चक्र वार्ड से विधि स्नातक के छात्र हैं, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष शाहिद तौसीफ के सुपुत्र हैं। उनकी कविताओं में समकालीन समाज और जीवन के गहरे अनुभव झलकते हैं, जिसे निर्णायकों ने विशेष रूप से सराहा।
इस कार्यक्रम का आयोजन विद्यार्थी न्यास वाराणसी, केंद्रीय हिन्दी संस्थान आगरा, साहित्य अकादमी नई दिल्ली, और लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में हुआ। इस अवसर पर विद्यानिवास मिश्रा जी के जीवन और साहित्यिक योगदान पर भी चर्चा की गई।
डॉ. विद्यानिवास मिश्रा न केवल एक प्रख्यात पत्रकार थे, बल्कि ललित निबंधकार और उपन्यासकार के रूप में भी उन्होंने साहित्य में अमिट छाप छोड़ी। उन्हें पद्म भूषण और विश्व भारती जैसे प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाज़ा गया था। वे गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्राचार्य और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के कुलपति के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने अरशान अज़ीज़ की उपलब्धि को युवाओं के लिए प्रेरणादायक बताया।