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मुंबई आतंकी हमले का दोषी तहव्वुर राणा आज लाया जायेगा भारत

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NIA और RAW की टीम प्रत्यर्पण के लिए अमेरिका में मौजूद, मुंबई व दिल्ली की जेलों में रखने की तैयारी

नई दिल्ली। 26/11 मुंबई आतंकी हमले के दोषी तहव्वुर हुसैन राणा को आज भारत लाया जाएगा। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की याचिका खारिज किए जाने के बाद भारत और अमेरिका की एजेंसियों के बीच सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और खुफिया एजेंसी RAW की एक संयुक्त टीम राणा को भारत लाने के लिए अमेरिका पहुंच चुकी है।

राणा के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में भारत को छह साल लगे। इस दौरान अमेरिका की विभिन्न अदालतों में राणा ने प्रत्यर्पण रोकने की कोशिश की, लेकिन अंततः सभी याचिकाएं खारिज कर दी गईं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फरवरी 2025 में राणा को भारत प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दी थी।

तहव्वुर राणा की भूमिका

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2008 के मुंबई आतंकी हमले की जांच में राणा का नाम प्रमुख आरोपियों में शामिल है। जांच एजेंसियों के मुताबिक, राणा ने हमले के मास्टरमाइंड डेविड हेडली को मुंबई में फर्जी ऑफिस खोलने में मदद की, ताकि वह शहर में रेकी कर सके। हेडली ने इमिग्रेशन कंसल्टेंसी के जरिए भारत में यात्रा की और उन स्थानों की पहचान की, जहां आतंकी हमले किए जाने थे।

अमेरिकी सरकार की पुष्टि

अमेरिकी सरकार ने भी राणा की भूमिका को स्वीकार किया है। उसने बताया कि राणा ने ईमेल और अन्य दस्तावेजों के माध्यम से हेडली की मदद की और उसे भारत में वीजा लेने की सलाह भी दी। राणा को जानकारी थी कि हेडली किन लोगों से मिल रहा है और आतंकी हमलों की क्या योजना है।

प्रत्यर्पण प्रक्रिया में उठाए गए कदम

2011: भारत की NIA ने राणा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।

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4 दिसंबर 2019: भारत ने पहली बार प्रत्यर्पण की मांग अमेरिका से की।

10 जून 2020: भारत ने अस्थायी गिरफ्तारी की मांग की।

2021-2023: अमेरिकी अदालतों में सुनवाई के दौरान भारत ने सबूत पेश किए।

21 जनवरी 2025: अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम याचिका खारिज की।

13 फरवरी 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रत्यर्पण को औपचारिक मंजूरी दी।

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राणा का प्रोफाइल

तहव्वुर हुसैन राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। वह पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर रह चुका है और 1997 में कनाडा जाकर इमिग्रेशन कंसल्टेंसी का व्यवसाय शुरू किया। बाद में अमेरिका में जाकर शिकागो समेत कई स्थानों पर “फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज” के नाम से काम किया।

2009 में हुआ था गिरफ्तार

FBI ने अक्टूबर 2009 में शिकागो एयरपोर्ट से राणा को गिरफ्तार किया था। उस पर कोपेनहेगन में एक अखबार पर आतंकी हमला कराने की साजिश का भी आरोप था। 2011 में उसे इस मामले में दोषी ठहराया गया और 14 साल की सजा सुनाई गई।

अब राणा को भारत लाकर मुंबई और दिल्ली की जेलों में रखा जाएगा, जहां उस पर आतंकवाद से जुड़े मामलों में मुकदमा चलाया जाएगा।

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