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वाराणसी

मदनपुरा में दो पक्षों के बीच पथराव-तोड़फोड़, धर्म-विशेष के खिलाफ नारेबाजी करने पर विवाद

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एक नाबालिग समेत छ गिरफ्तार

वाराणसी के मदनपुरा क्षेत्र में बीती रात दो पक्षों के बीच हुए तोड़फोड़ और पथराव के बाद तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई। इस घटना की पूरी रिकॉर्डिंग सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। हालांकि आसपास बड़ी संख्या में जुटे लोगों के पहुंचने से मामला शांत हुआ। मारपीट की सूचना मिलते ही मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों ने कुछ युवकों को हिरासत में लिया और थाने लेकर पहुंचे। आरोप है कि घटना के समय कुछ युवा अपने आप को बचाने के लिए दुर्गा पंडाल के पास तक पहुंच गए थे।

गोल्डन स्पोर्टिंग क्लब के अध्यक्ष पंडित विश्वजीत शास्त्री ने मीडिया के सामने इस मुद्दे को उठाते हुए प्रशासन से संदिग्ध व्यक्तियों की गिरफ्तारी और कड़ी कार्रवाई की मांग की है।उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने एक धार्मिक कार्यक्रम में खलल डालने की कोशिश की थी। सोमवार को क्लब द्वारा स्थापित दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन होना है, लेकिन उससे पहले प्रशासन से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है कि विसर्जन का कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से पूरा हो सके। प्रशासन की सूझ-बूझ और तत्परता के कारण ही स्थिति पर नियंत्रण पाया जा सका।

जानकारी के अनुसार, दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के देवनाथपुरा गली में दुर्गा प्रतिमा का एक पारंपरिक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में लोग दर्शन के लिए एकत्र हुए थे। इसी दौरान कुछ युवाओं के साथ धार्मिक नारेबाजी को लेकर विवाद हो गया जो बाद में मारपीट में बदल गया। इस घटना के बाद पंडित विश्वजीत शास्त्री ने एक आपात बैठक बुलाकर प्रशासन से आगामी मूर्ति विसर्जन कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम की मांग की साथ ही दोषियों की जल्द गिरफ्तारी की अपील भी की।

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पुलिस ने कही ये बात
एसीपी प्रज्ञा पाठक ने बताया कि दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई, जिसका सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। घटना शनिवार देर रात की बताई जा रही है। सीसीटीवी कैमरे की मदद से एक नाबालिग सहित 6 युवाओं को गिरफ्तार करके मुकदमा दर्ज कर दिया गया हैं। दुर्गा पंडाल के पास फोर्स बढ़ा दी गई हैं। सोमवार को मूर्ति विसर्जन होना है।

तो वहीं, नवसंघ दुर्गा प्रतिमा के अध्यक्ष आशीष कुमार दास ने कहा कि दूसरे संप्रदाय के लोगों से हमारे सनातन धर्म को खतरा है। वह धर्म विशेष संयोजित तरीके से हमारे दर्शनार्थियों को टारगेट करते हैं। इस तरह की घटना पहले भी कई बार हो चुकी है। प्रशासन किसी भी तरह की ठोस कार्रवाई नहीं करता है। प्रशासन का बस एक मकसद होता है कि किसी भी तरीके से मूर्ति विसर्जन हो जाए।

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