वाराणसी
बीएचयू में अनियमितता के खिलाफ छात्रों का विरोध प्रदर्शन

वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में छात्रों ने अनियमितताओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। एक समूह ने स्वतंत्रता भवन के बाहर जाकर शिक्षा मंत्री को ज्ञापन देने का प्रयास किया लेकिन पुलिस और प्राक्टोरियल बोर्ड की टीम ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद, छात्रों ने शिक्षा मंत्री के नाम एक लिखित पत्र आईआईटी के डिप्टी चीफ प्राक्टर को सौंपा।
साथ ही एक अन्य छात्र दल ने केंद्रीय कार्यालय के बाहर कुलपति का पुतला फूंकते हुए जोरदार नारेबाजी की। छात्र संघर्ष समिति के बैनर तले, पीएचडी प्रवेश की नई नियमावली को लेकर छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार की सुबह परीक्षा नियंत्रक के कार्यालय पहुंचा। वहां परीक्षा नियंत्रक प्रो. एन के मिश्र के साथ लगभग दो घंटे तक वार्ता हुई जिसमें छात्रों और परीक्षा नियंता के बीच बहसबाजी भी हुई।
छात्रों ने कुलपति से मिलने के लिए केंद्रीय कार्यालय का रुख किया, लेकिन कुलपति की अनुपस्थिति ने उनके गुस्से को और बढ़ा दिया, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने कुलपति का पुतला फूंक दिया। छात्रों का आरोप था कि वर्तमान कुलपति छात्र विरोधी हैं और उन्होंने पीएचडी प्रवेश की प्रक्रिया को जटिल बना दिया है। छात्रों ने शिक्षा मंत्री से मिलने की कोशिश की लेकिन उन्हें रोक दिया गया।
छात्रों ने स्वतंत्रता भवन में आईआईटी बीएचयू के दीक्षांत समारोह के दौरान अपने मांग पत्र के साथ शिक्षा मंत्री से मुलाकात की कोशिश की लेकिन वहां मौजूद प्राक्टोरियल बोर्ड और पुलिस ने उन्हें रोक दिया। छात्रों ने ज्ञापन देने के लिए ज़िद की जिसके बाद बीएचयू के डिप्टी चीफ प्राक्टर ने छात्रों से ज्ञापन लेकर शिक्षा मंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।
छात्रों की प्रमुख मांगें थीं:
विश्वविद्यालय परिसर से हजारों पेड़ों को काटकर धन उगाई की जांच कार्यकारिणी परिषद की जगह सलाहकारों के नाम पर हुए अतिरिक्त खर्च पर रोक IOE के फंड में हुए सैकड़ों करोड़ के गबन की जांच, हॉस्टल और पुस्तकालय की बढ़ी हुई फीस वापस करने की मांग, और विश्वविद्यालय के प्रमुख पदों जैसे रजिस्ट्रार, छात्र अधिष्ठाता, परीक्षा नियंत्रक की स्थाई नियुक्ति। इसके अलावा छात्रों ने यह भी मांग की कि एक प्रोफेसर को 3 से 4 पदों से हटाकर एक ही पद पर रखा जाए और विश्वविद्यालय में अवैध निर्माण और नियुक्तियों की जांच की जाए।