Connect with us

अपराध

पीएम आवास बनाने वाले चर्चित बिल्डर रामगोपाल सिंह को दो मामलों में मिलीं जमानत

Published

on

रिपोर्ट प्रदीप कुमार

वाराणसी। धोखाधड़ी समेत अन्य आरोपों में जेल में बंद प्रधानमंत्री आवास योजना बनाने वालें चर्चित बिल्डर रामगोपाल सिंह को दो अलग अलग मामलो में जमानत मिल गई। जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने अशोक बिहार कालोनी, पहड़िया, थाना कैंट निवासी एसएसबी ग्रुप के प्रबंध निदेशक को आरोपित रामगोपाल सिंह को एक-एक लाख रुपये की दो जमानते एवं बंधपत्र देनें पर रिहा करने का आदेश दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव, शैलेन्द्र सिंह व वरूण प्रताप सिंह ने पक्ष रखा।
प्रकरण के मुताबिक वादी ओमप्रकाश जायसवाल ने कैंट थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था की 30 दिसंबर 2010 को सोयेपुर, शिवपुर में 2040 वर्गफीट जमीन विक्रम प्रसाद से खरीदा था। जिसका सरकारी अभिलेखों में नाम भी दर्ज करवा लिया था। इस बीच वादी की उक्त संपत्ति नाजायज तरीके से हड़पने के लिए आरोपित रामगोपाल सिंह ने धोखाधड़ी व कूटरचना करके फर्जी व्यक्ति को जमीन का मालिक बनाकर उसे मुख्तारनामा के जरिए उसकी जमीन को 4 लाख रुपए में 11 मई 2010 को क्रय कर लिया। इसी तरह कैंट थाने में दर्ज एक अन्य मामले जिसमे खजुरी निवासी सच्चिदानंद राय की पत्नी पीड़िता निधि राय के अनुसार तीन साल पूर्व एसएसबी ग्रुप के निदेशक और सारनाथ के अशोक विहार कालोनी फेज-टू निवासी रामगोपाल सिंह और भतीजा विवेक सिंह, कर्मचारी सरस श्रीवास्तव ने शिवपुर थाना अंतर्गत चांदमारी लोढ़ान स्थित प्रोजेक्ट में आवास दिखाया। आरोप है कि बिल्डर ने तीन साल का इनकम टैक्स रिटर्न, 28 बैंक चेक, आईडी सभी अन्य प्लेन कागज पर हस्ताक्षर लेकर कूटरचित और फर्जी तरीके से बैंक खाते से पैसा अपनी कंपनी के खाते में ट्रांसफर कर लिया। दो लाख अग्रिम भुगतान वापस मांगने और मकान नहीं लेने की बात पर आरोपियों ने धमकी भी दी। इस मामले में पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर कैंट पुलिस ने कार्यवाही करते हुए उन्हें बीते दिनों गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
अदालत में बचाव पक्ष ने दलील दी की उसे मुख्तारनामा करने वाले के मृत्यु होने की जानकारी नहीं थी। उसने सद्भावनापूर्ण तरीके से उक्त बैनामा कराया था। वही दूसरे मामले में दलील दी गई की वादिनी के बैंक खाते में उसके द्वारा धोखाधड़ी किए जाने वाली राशि 94,7500 रुपए जमा करा दिया गया था। जिसे वादिनी ने चेक के माध्यम से निकाल लिया। ऐसे में उसके द्वारा किसी प्रकार की धोखाधड़ी नही की गई है। अदालत ने तथ्यों व साक्ष्यों के अवलोकन के बाद आरोपित को जमानत दे दी।

Copyright © 2024 Jaidesh News. Created By Hoodaa

You cannot copy content of this page