मऊ
डॉ. रामविलास भारती द्वारा मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान
मऊ। घोसी-मऊ में‘चौरी-चौरा विद्रोह’ के शहीदों की याद में शिक्षा और समाज सेवा को समर्पित एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में गोल्ड मेडलिस्ट, राज्य अध्यापक पुरस्कार प्राप्त प्रधानाध्यापक डॉ. रामविलास भारती द्वारा सम्मान समारोह, छात्रवृत्ति वितरण और एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।कार्यक्रम की शुरुआत शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए की गई, जहां नगर पंचायत अध्यक्ष घोसी मुन्ना प्रसाद गुप्ता, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार उपाध्याय, पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक शिवचन्द राम और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने दीप प्रज्वलन किया।
विद्यालय की छात्राओं अंकिता और श्वेता ने सभी को संविधान की प्रस्तावना की शपथ दिलाई।डॉ. रामविलास भारती द्वारा आयोजित इस समारोह में मेधावी छात्रों को ‘जगपूरनी देवी बरखू शैक्षिक समृद्धि छात्रवृत्ति’ प्रदान की गई। यह छात्रवृत्ति व्यक्तिगत धन से दी जाती है और तब तक जारी रहती है जब तक विद्यार्थी स्नातक, परास्नातक या पीएचडी पूरा नहीं कर लेता।
इस वर्ष 30 छात्रों को छात्रवृत्ति दी गई, जिसमें जामवंत, अजय कुमार, पूजा चौहान, समीना, आराधना, सोनाली, पुष्पांजलि, नेहा, आयुषी, प्रियांशी, अर्जुन यादव आदि शामिल रहे।कार्यक्रम में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले कई शिक्षकों को सम्मानित किया गया। सेवानिवृत्त शिक्षकों को अंगवस्त्र और संविधान की प्रति भेंट की गई।
समाज सेवा, कला, संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने वाले व्यक्तियों को भी सम्मानित किया गया, जिनमें अंतरराष्ट्रीय आर्टिस्ट मुमताज खान, रोटरी क्लब मऊ के अध्यक्ष प्रदीप सिंह और वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. असगर अली शामिल रहे।डॉ. भारती ने शिक्षा में सुधार लाने और ड्रॉपआउट दर को कम करने के लिए आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की 20 महिलाओं और विद्यालय में नियमित उपस्थिति दर्ज करने वाले बच्चों के अभिभावकों को भी प्रोत्साहित किया।
नगर पंचायत अध्यक्ष मुन्ना प्रसाद गुप्ता ने डॉ. भारती को शिक्षा और समाज सेवा का प्रतीक बताते हुए कहा कि उनका कार्य अनुकरणीय है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार उपाध्याय ने विद्यालय की व्यवस्था को आदर्श बताया, वहीं पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक शिवचन्द राम ने डॉ. भारती की समाज सुधार की पहल को प्रेरणादायक करार दिया।पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक सोमारू प्रधान ने कहा कि यह छात्रवृत्ति बाबा साहेब आंबेडकर के ‘पे बैक टू सोसाइटी’ सिद्धांत का सटीक उदाहरण है।
उप शिक्षा निदेशक गोविंदराम ने चौरी-चौरा विद्रोह की ऐतिहासिक महत्ता पर प्रकाश डाला, जबकि मुख्य प्रबंधक मुखराम ने शिक्षा और समाज के बीच गहरे संबंध की सराहना की।
इस अवसर पर विश्वनाथ, अरविन्द मूर्ति, कृष्णानंद राय, रिजवान अहमद, पर्यावरणविद शैलेन्द्र यादव, रामकेर यादव, नवीन राय, सुग्रीव प्रसाद, पुष्पा, श्वेता आनंद, बदामी, संतोष यादव, जयप्रकाश, चंद्रभान यादव, अफाक अहमद, शशांक भारती और अन्य कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।