राज्य-राजधानी
जयपुर-अजमेर हाइवे पर टैंकर ब्लास्ट में अब तक 14 की मौत

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने मुआवजे का किया ऐलान
जयपुर में शुक्रवार सुबह अजमेर हाइवे पर एक भीषण सड़क हादसे में 14 लोगों की जिंदा जलने से मौत हो गई, जबकि 33 से ज्यादा लोग घायल हो गए। घायलों को सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है। इस हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित कई नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मृतकों के परिवार को 5 लाख रुपये और घायलों को 1 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है।
हादसा शुक्रवार सुबह करीब 5:30 बजे हुआ। भांकरोटा क्षेत्र में दिल्ली पब्लिक स्कूल के सामने एलपीजी गैस से भरा टैंकर यू-टर्न लेते समय एक ट्रक से टकरा गया। टक्कर के बाद जोरदार धमाका हुआ, जिससे दोनों वाहनों में आग लग गई। हादसे की भयावहता इतनी अधिक थी कि टैंकर में हुए ब्लास्ट से 40 से ज्यादा गाड़ियां आग की चपेट में आ गईं।
धमाके की आवाज़ करीब 10 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। आसपास के इलाके में अफरा-तफरी मच गई और लोग दहशत में अपने घरों से बाहर निकल आए। घटना के तुरंत बाद पुलिस और दमकल विभाग मौके पर पहुंचा। आग पर काबू पाने में घंटों का समय लगा। राहत और बचाव कार्य जारी है। प्रशासन ने मृतकों की पहचान के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है।
नेताओं ने जताया दुख
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हादसे पर गहरा शोक जताया है और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, “जयपुर में हुए हादसे से बेहद दुखी हूं। पीड़ित परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।” इसके अलावा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी घटना पर शोक व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। शुरुआती जांच में टैंकर और ट्रक के बीच टक्कर के बाद गैस लीकेज से धमाका होने की बात सामने आई है। घटना की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है। स्थानीय लोगों ने हाइवे पर अव्यवस्थित यातायात और सुरक्षा मानकों की कमी को हादसे का मुख्य कारण बताया है। उनका कहना है कि इस क्षेत्र में पहले भी कई हादसे हो चुके हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।