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चंद्रयान-4 और वीनस ऑर्बिटर मिशन को मिली मंजूरी

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नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को अंतरिक्ष के इलाके से जुड़े विभिन्न प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की है। इनमें चन्द्रमा और शुक्र से जुड़े मिशन और भारत के अंतरिक्ष में स्थायी स्टेशन से जुड़े अभियान शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को इन्हें मंजूरी प्रदान की ।

कैबिनेट में मंजूर किये गये मिशनों के तहत भारत चंद्रयान-4 नामक चन्द्र मिशन लांच करेगा। इसका उद्देश्य चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने के बाद पृथ्वी पर वापस आने के लिए प्रौद्योगिकियों का विकास और प्रदर्शन करना है। साथ ही इसके माध्यम से चंद्रमा से नमूने एकत्र कर और पृथ्वी पर उनका विश्लेषण करना भी है।

इसके अलावा भारत शुक्र ग्रह पर मिशन भेजेगा। इसका नाम वीनस ऑर्बिटर मिशन (वीओएम) है। इसका उद्देश्य वैज्ञानिक अन्वेषण करना, शुक्र ग्रह के वायुमंडल, भूविज्ञान को बेहतर ढंग से समझना तथा इसके घने वायुमंडल की जांच करके बड़ी मात्रा में वैज्ञानिक आंकड़े जुटाना है।

वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस) के निर्माण को मंजूरी इसके अलावा गगनयान के बाद के मिशनों और वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस) के निर्माण को मंजूरी दी गई है। बीएएस की स्थापना 2028 में अपने पहले मॉड्यूल के प्रक्षेपण के साथ की जायेगी। इसके साथ ही नये पुन: प्रयोज्य कम लागत वाले अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यान (एनजीएलवी) का विकास किया जायेगा। यह भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना और संचालन तथा 2040 तक चंद्रमा पर भारतीय चालक दल के उतरने की क्षमता विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

पहले से स्वीकृत कार्यक्रम में 11,170 करोड़ रुपये की शुद्ध अतिरिक्त फंडिंग के साथ, संशोधित दायरे के साथ गगनयान कार्यक्रम के लिए कुल फंडिंग को बढ़ा कर 20,193 करोड़ रुपये कर दिया गया है।‘वीनस ऑर्बिटर मिशन’ (वीओएम) के लिए स्वीकृत कुल धनराशि 1236 करोड़ रुपये है,‘वीनस ऑर्बिटर मिशन’ (वीओएम) के लिए स्वीकृत कुल धनराशि 1236 करोड़ रुपये है, जिसमें से 824.00 करोड़ रुपये अंतरिक्ष यान पर खर्च किये जायेंगे। लागत में अंतरिक्ष यान का विकास और कार्यान्वयन शामिल है, जिसमें इसके विशिष्ट पेलोड और प्रौद्योगिकी तत्व, नेविगेशन और नेटवर्क के लिए वैश्विक ग्राउंड स्टेशन समर्थन लागत के साथ-साथ लॉन्च वाहन की लागत भी शामिल है।

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आपको बता दें कि, प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशन ‘चंद्रयान-4’ के लिए कुल 2104.06 करोड़ रुपये की आवश्यकता है। लागत में अंतरिक्ष यान का विकास और कार्यान्वयन, एलवीएम 3 के दो लॉन्च वाहन मिशन, बाहरी डीप स्पेस नेटवर्क सहायता और डिजाइन सत्यापन के लिए विशेष परीक्षण आयोजित करना शामिल है, जो अंतत: चंद्रमा की सतह पर उतरने और एकत्रित चंद्र नमूने के साथ पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी के मिशन की तरफ ले जायेगा।

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